जिले की आष्टा तहसील के ग्राम अरिनयागाजी की दिव्यांग रचना को अस्थि बाधिता से चलने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। रचना के पिता श्री दशरथ सिंह द्वारा आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान जिले के प्रभारी मंत्री श्री आरिफ अकील के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर अपनी गुहार लगाई। प्रभारी मंत्री द्वारा तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर को दिए दिए गए।
कलेक्टर श्री अजय गुप्ता के निर्देशानुसार जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केन्द्र के पी एंड ओ श्री दुर्गादास नागले द्वारा ग्राम सचिव के माध्यम से दिव्यांग रचना को ट्रायसायकल उपलब्ध कराई गई।
शासकीय माध्यमिक शाला अरनियागाजी में कक्षा 8 वीं में पढ़ने वाली रचना का कहना है कि उसे पहले स्कूल जाने में काफी परेशानी होती थी, क्योंकि परिवार वाले रचना को छोड़ने जाते थे। जिससे रचना के पिताजी को भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था। कभी-कभी घर पर किसी के नहीं होने से स्कूल भी अक्सर छूट जाता था जिससे उसकी पढ़ाई में भी परेशानी उठानी पड़ती थी।
रचाना बताती है कि अब ट्रायसायकल मिलने से वह स्वयं ही समय पर स्कूल पहुंच जाती है और वापस लौट आती है। अब उसे स्कूल व पढ़ाई में कोई भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
जिला विकलांग एवं पुर्नवास केन्द्र द्वारा ट्रायसायकल प्राप्त होने के बाद अब रचना बहुत खुश नजर आ रही है। रचना एवं परिजनों ने प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का धन्यवाद देते हुए प्रभारी मंत्री, कलेक्टर एवं जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केन्द्र का आभार व्यक्त किया है।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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