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Showing posts from July 15, 2025

महफिल फार्म हाउस... कोई आम जगह नहीं, यहाँ नींबू, अमरूद और न जाने कितनी किस्मों के दरख़्त साया करते हैं — हर शाख़ पर ताज़गी, हर कोने में फ़ज़ा महकती है!"

महफिल फार्म हाउस... कोई आम जगह नहीं, यहाँ नींबू, अमरूद और न जाने कितनी किस्मों के दरख़्त साया करते हैं — हर शाख़ पर ताज़गी, हर कोने में फ़ज़ा महकती है!" "जहाँ लव बर्ड्स की चहचहाहट, बच्चों की मुस्कान से हम-आवाज़ होती है, और बतख़ व सफ़ेद हंस झील से नहीं — आपके अपने फंक्शन से रौशन हो जाते हैं!" "शहर की तंग गलियों में जो मख़लूक़ बच्चों को सिर्फ़ किताबों में दिखती है — वो सब यहाँ खुली फ़ज़ा में आबाद हैं, जैसे ये भी आपके मेहमाँ हों!" "एक एकड़ से ज़्यादा में फैला ये फार्म, जहाँ सौ से ज़्यादा गाड़ियों की वुसअत — और हर मेहमान के लिए पुरसुकून इंतिज़ाम!" "सुरक्षा का आलम ये कि गार्ड हर वक़्त मौजूद, ताकि आप महफिल में रहें मशग़ूल — बेफिक्र और महफूज़!" "इक आलीशान घर — जिसमें हर सहूलत मौजूद: वॉशरूम, कमरें, रोशनी और राहत!" "जश्न की हर बात जब खास बनानी हो, तो महफिल वहीं होती है जहाँ कहानी हो।" "ना बर्तन की टेंशन, ना डेकोर की मार, महफिल फार्म हाउस — फुल ऑन तैयार!" "पानी के छींटों में हो ठहाकों की बौछार, महफिल की पूल ...