बच्चों के टीकाकरण हेतु शासन द्वारा “मिशन इन्द्रधनुष” के तहत 2 दिसम्बर से टीकाकरण का कार्य किया जायेगा। टीकाकरण अभियान से पूर्व प्रदेश के सभी जिलों में बच्चों के चिन्हांकन हेतु सर्वेक्षण का कार्य किया गया। ग्वालियर जिले में सर्वेक्षण में लापरवाही पाए जाने पर कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मृदुल सक्सेना एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. आर के गुप्ता को एक – एक माह का अवैतनिक करने के आदेश पारित किए हैं। इसके साथ ही तीन एएनएम का 10 – 10 दिन का वेतन काटने, 26 आशा कार्यकर्ताओं का 10 – 10 दिन का वेतन काटने तथा सेवा से पृथक करने का नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही 3 चिकित्सक डॉ. गोविंद सिंह, डॉ. के पी अग्रवाल तथा डॉ. सचिन गुप्ता का भी 10 – 10 दिन का वेतन काटने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने गुरूवार को कलेक्टर कार्यालय में मिशन इन्द्रधनुष की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए हैं। आगामी 2 दिसम्बर से मिशन इन्द्रधनुष के तहत बच्चों के टीकाकरण का कार्य पूर्ण गंभीरता के साथ करने के निर्देश स्वास्थ्य, महिला बाल विकास एवं जिला पंचायत के समन्वित प्रयास से करने को कहा है। कलेक्टर ने शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले इस अभियान को पूर्ण गंभीरता से जिले में क्रियान्व्ति करने को भी कहा है। अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी।
कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा है कि मिशन इन्द्रधनुष के तहत टीकाकरण से कोई भी बच्चा वंचित नहीं रहना चाहिए। शहरी क्षेत्र में सभी चिन्हित वार्डों तथा ग्रामीण क्षेत्र के सभी निर्धारित स्वास्थ्य केन्द्रों के अंतर्गत बच्चों का टीकाकरण किया जाए। इसके साथ ही अभियान के तहत ऐसे क्षेत्र जहां पर कामकाजी लोगों के बच्चे जिसमें ईंट भट्टे, निर्माण एजेन्सियों की साईट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, मेला आदि का भी विशेष ध्यान दिया जाए।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने बैठक में नॉन कम्युनिकेशन डिसीज (एनसीडी) के कार्यों की भी समीक्षा की। जिले की प्रदेश में 51वीं रैंक पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे घोर लापरवाही बताया और संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में इन्द्रधनुष अभियान के तहत महिला बाल विकास और पंचायत एवं अन्य विभागों के मैदानी अमले को भी समन्वित रूप से कार्य कर अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री शिवम वर्मा, अपर कलेक्टर श्री अनूप कुमार सिंह, अपर कलेक्टर श्री रिंकेश वैश्य, सीएमएचओ डॉ. मृदुल सक्सेना, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. एम एस राजावत सहित महिला बाल विकास, पंचायत एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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