राज्य शासन ने जन-सामान्य को निर्माण कार्यो के लिए सस्ती और सुलभ दरों पर गौण खनिज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। खनिज साधन द्वारा मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 29 के उप नियम 5 के अधीन गौण खनिजों की पुनरीक्षित रॉयल्टी और अनिवार्य भाटक दरें जारी की गई है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अनुवांशिक कुम्हार वर्गो को रॉयल्टी से छूट यथावत जारी रहेगी।
मार्बल और ग्रेनाइट्स के ब्लॉक्स के निर्माण में निकलने वाले अनुपयोगी छोटे पत्थरों की निर्माण कार्यो में सुलभता से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नई दरें निर्धारित की गई हैं। अब ग्रेनाईट का अनुपयोगी वेस्ट 120 रूपये प्रति घन मीटर और मार्बल का अनुपयोगी वेस्ट 200 रूपये प्रति घन मीटर की दर पर उपलब्ध होगा। इस प्रयास से खदानों से निकलने वाले अनुपयोगी पत्थरो का उपयोग निर्माण कार्यो में किया जा सकेगा। मार्बल एवं ग्रेनाइट के आकारीय पत्थरों की रॉयल्टी दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। साथ ही, गिट्टी और पत्थरों की दरों में पांच वर्षो में बाजार मूल्यों को देखते हुए 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
खनिज साधन विभाग ने अनुपयोग पड़ी खदानों को चालू करने के लिए डेड रेन्ट दिये जाने के प्रावधान को सख्त कर दिया है। इसके अनुसार पूर्व में 40 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष के स्थान पर ग्रेनाईट, मार्बल आदि खनिजों के लिए दो लाख रूपये प्रति हेक्टर प्रति वर्ष दर निर्धारित की गई है। इसी प्रकार, गिट्टी, मुरम आदि खनिजों के लिए डेड रेन्ट एक लाख रूपये प्रति हेक्टर प्रति वर्ष निर्धारित किया गया है।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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