ग्राम जमारा तहसील पिपरिया निवासी सुरेंद्र अहिरवार के पुत्र राजवीर अहिरवार को सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पिपरिया ने दस्तक अभियान के दौरान एनीमिक बच्चे के रूप में चिन्हित किया था। उस समय राजवीर में मात्र 4 ग्राम हीमोग्लोबिन था। राजवीर के माता-पिता राजवीर को खून चढ़ाने के लिए तैयार नहीं थे। आशा कार्यकर्ता श्रीमती अनीता शर्मा एवं एएनएम श्रीमती संगीता अग्रवाल द्वारा राजवीर के घर जाकर उनके माता पिता को एनीमिया के बारे में संपूर्ण जानकारी एवं खानपान की सलाह भी उनके द्वारा दी गई। किंतु राजवीर को इस अवस्था में खून चढ़ाना अति आवश्यक था। राजवीर के माता पिता राजवीर को सिविल अस्पताल पिपरिया तक लाने का खर्च वहन करने में असमर्थ थे। इस तारतम्य में बी ई पिपरिया द्वारा राजवीर के माता पिता को इस तथ्य से अवगत करवाया गया कि संपूर्ण खर्च का वहन हमारे द्वारा किया जाएगा। इसके पश्चात राजवीर के माता-पिता राजवीर को सिविल अस्पताल पिपरिया के लिए लाने के लिए तैयार हुए। राजवीर को 20 जून 2019 में पिपरिया लाया गया। इस तिथि में ही बीएमओ द्वारा अन्य बच्चों के साथ राजवीर को ब्लड ट्रांसफ्यूजन हेतु जिला अस्पताल होशंगाबाद लाया गया वहां राजवीर को रक्त चढ़ाया गया। उसके पश्चात राजवीर का समय-समय पर फॉलोअप किया गया एवं राजवीर के माता-पिता को संतुलित खानपान की सलाह दी गई। वर्तमान में राजवीर पूर्णता स्वस्थ है एवं उसका हीमोग्लोबिन वर्तमान में 9 ग्राम है। वर्तमान में राजवीर अन्य बच्चों के समान सभी खेलकूद आदि गतिविधियां करता है।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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