कमलनाथ ने किया भोपाल की 'भोज मेट्रो' परियोजना का शिलान्यास

भोपाल, 26 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज राजधानी भोपाल में विकसित होने जा रही मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास करते हुए घोषणा की राजधानी भोपाल की मेट्रो का नाम राजा भोज के नाम पर 'भोज मेट्रो' होगा।
श्री कमलनाथ ने यहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर परियोजना का शिलान्यास और भूमिपूजन किया।
इस अवसर पर श्री कमलनाथ ने कहा कि आज उन्हें बहुत खुशी है क्योंकि केवल भोपाल का ही नहीं, मध्यप्रदेश का नया इतिहास बनने जा रहा है। भोपाल की मेट्रो का नाम भोज मेट्रो होगा क्योंकि ये राजा भोज की नगरी है।
उन्होंने कहा कि साल 1991 में भोपाल में गंदे तालाब और सड़कों की खराब स्थिति देख कर उन्हें दुख होता था। तब उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के तौर पर भोपाल को सुधारने के बारे में सोचा। उन्होंने कहा कि एक साल के अंदर ही दिग्विजय सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने राजधानी के सुधार के लिए जितनी राशि मांगी, पर्यावरण विभाग ने दी। उन्होंने कहा कि आज अगर राजधानी भोपाल में वीआईपी रोड और खूबसूरत तालाब दिखते हैं, तो उन्हें वो समय याद आता है।
श्री कमलनाथ ने भोपाल में मेट्रो परियोजना का इतिहास बताते हुए कहा कि वे जब केंद्र में शहरी विकास मंत्री थे, तब जयपुर मेट्रो के लिए वहां गए। तब उन्होंने भोपाल में भी मेट्रो के बारे में सोचा और स्वर्गीय बाबूलाल गौर से इस बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने श्री गौर से इस बारे में प्रस्ताव लाने को कहा और उसे स्वीकार करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल की मेट्रो परियोजना के लिए जो पैसा आया है, वो उस समय आया है, जब वे केंद्र में मंत्री थे। उन्होंने महापौर आलोक शर्मा समेत सभी नेताओं से निवेदन किया कि वे केंद्र से राशि लाने में मदद करें, ताकि भोपाल की मेट्रो रेल परियोजना अपने निर्धारित समय चार साल से भी कम समय में तैयार हो जाए।
उन्होंने कहा कि बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए शहरों को फैलाने की जरूरत है और उसमें मेट्रो ट्रेन एक अहम कदम साबित होगी। उन्होंने इस दौरान भोपाल की मेट्रो को मंडीदीप तक ले जाने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें उस दृष्टि से देखना है कि भोपाल और इंदौर शहरों का कैसे मास्टरप्लान बनाया जाए।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश सरकार के मंत्री जयवर्धन सिंह, डॉ गोविंद सिंह, पी सी शर्मा, आरिफ अकील, प्रदीप जायसवाल समेत स्थानीय विधायक आरिफ मसूद भी मौजूद थे।


जीना इसी का नाम है

इसे कहेंगे ज़िन्दगी का यू-टर्न, जिंदगी रानू मंडल को प्लेटफार्म से उठाकर बालीवुड तक पहुंचाने वाले हिमेश रेशमिया की कहानी तो सबने पढ़ ली मगर शहर में तैनात यातायात उपनिरीक्षक श्रीप्रकाश शुक्ल ने जो किया, वह भी मासूम मनोज की जिंदगी बदल देने वाला कदम साबित होगा। महज 10 साल के चाय बेंच रहे इस लड़के की बाल सुलभ चंचलता, उसकी वाक्पटुता ने वाहन चेकिंग कर रहे शुक्ल को ऐसा माेहा कि उन्होंने उसे दुकान से उठाकर स्कूल पहुंचा दिया।


यह सुनकर मनोज की मां पहुंच आई शहर और घर का खर्च न चलने का हवाला दे जब उसे स्कूल की राह से रोकी तो टीएसआइ ने उसकी भी जिम्मेदारी संभालने की बात कही। ताकि बच्चे की जिंदगी संवर सके। जिसने भी एक खाकी वर्दी वाले की सहृदयता सुनी वह वाह-वाह कर उठा। यहां तक कि उनकी मंशा के विपरीत स्कूल प्रबंधक ने बालक की शिक्षा की जिम्मेदारी खुद उठा ली और उसे स्कूल तक पहुंचाने के लिए श्री शुक्ल को धन्यवाद दिया। दूसरी ओर मनोज ने जब इच्छा होते हुए भी न पढ़ पाने की अपनी बेबसी भरी कहानी बयां की तो सभी की आंखों से आंसू छलक उठे।


सोमवार की शाम सलाहाबाद मोड़ पर वाहन चेक करते समय प्यास लगने पर टीएसआइ श्रीप्रकाश शुक्ल ने एक होमगार्ड से पानी व चाय के लिए बोलने को कहा। कुछ ही देर बाद एक 10 वर्षीय बालक उनके सामने पकौड़ी लेकर हाजिर था। आते ही बोलना शुरू किया, अंकल..., पकौड़ी खा लीजिए तब तक, बहुत टेस्टी है। मैं अभी चाय लेकर आता हूं, बिना चीनी की। क्योंकि मुझे पता है आपकी उम्र के लोग बिना चीनी की ही चाय पीते हैं। बिना रुके वह बाेले जा रहा था और टीएसआइ मंत्रमुग्ध सा उसका भोला चेहरा देखते जा रहे थे। वह चुप हुअा तो पूछे किस क्लास में पढ़ते हो। अब बच्चे का चेहरा गिर गया। 'कहां पढ़ता हूं अंकल। बस कक्षा दो तक पढ़ पाया। पापा मम्मी को छोड़कर आजमगढ़ चले गए और दूसरी शादी कर लिए। घरवाले मां को और हमको घर से निकाल दिए। अब टीन के छप्पर में रहता हूं। मां शादी-व्याह में काम कर लेती है तो चार पैसे मिल जाते हैं। यहां मुझे ₹1500 रुपये मिलते हैं तो घर का खर्च चलता है। बताइए, कैसे पढ़ूंगा "मैं"...।


इतना सुनकर टीएसआइ भावुक हो गए बोले, बेटा अब तुम पढ़ोगे। कल से स्कूल जाआेगे और पूरा खर्च मैं दूंगा। बालक खुश हो गया। शाम को घर जाकर मां को बताया तो मां आग-बबूला। सुबह ही पहुंच गई टीएसआइ की खैर लेने। बोली, यह पढ़ेगा तो घर का खर्च कैसे चलेगा। यह सुन टीएसआइ ने वह भी जिम्मेदारी ओढ़ ली। यह भी कहा, ₹25000 रुपये भी दूंगा, घर ठीक करवाने को। बालक को लेकर डान वास्को स्कूल पहुंचे। सारा वाकया बताया। यह भी कहा अगर ट्रांसफर हो गया तो आपके खाते में रुपया भेजता रहूंगा। यह सुन व्यवस्थापक देवेंद्र बहादुर राय ने कहा, सर आप इसे यहां तक लाए, अब आपकी जिम्मेदारी खत्म। अब इंटर तक इसकी पढ़ाई मेरे जिम्मे। उसका एडमीशन हो गया। इसके बाद टीएसआइ ने उसे दुकान पर ले जाकर ड्रेस, किताब-कापी, स्कूल बैग दिलवाया। यह सब देख मनोज भावुक हो गया और रोने लगा। उसकी कहानी जान स्कूल के लोग भी भावुक हो उठे।


विशेष आग्रह : अपने आस पास बहुत से ऐसे लोगों को देखा होगा, बहुत से ऐसे लोगों के बारें में सुना या पढ़ा होगा जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करते हैं, गरीबों की सेवा करते हैं, धर्म की दीवार को तोड़कर सभी धर्मों की एकता की बात करते हैं, गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं, अनाथ बच्चों की पढ़ाई या खाने पीने का खर्च उठाते हैं, जानवरों की सुरक्षा या देखभाल करते हैं, बहुत ही गरीबी या मुश्किल स्थिति से गुजरते हुए भी हार नहीं मान रहे हैं, कोई सुविधा न होने के बावजूद भी पढना नहीं छोड़ रहें हैं, सामाजिक सन्देश देने के लिए कोई नया काम कर रहे हैं, इस पहल में उन सभी लोगों को सलाम।


और इस शुरुआत का मकसद सिर्फ लोगों को दूसरों की मदद करने के लिये, मुश्किलों और निराशाओं से बाहर निकलने के लिए, अपनी और दूसरों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना हैं। और मुझे विश्वास हैं कि मेरा ये प्रयास अपने मकसद में जरुर सफल होगा।


दिल्ली की हाई प्रोफािल कॉल गर्ल सिमरन से जुड़े हनी ट्रैप कांड के तार

भोपाल. प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप (Honey Trap) मामले की जांच नई एसआईटी ने शुरू कर दी है. नई एसआईटी पुलिस के सभी केस को अपने हैंडओवर में लेकर जांच पड़ताल कर रही है. साथ ही एसआईटी 9 साल पुरानी उस फाइल को भी री-ओपन करेगी, जिसमें दिल्ली की हाईप्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन (Delhi Call Girl Simran) को पकड़ा गया था. उस समय सिमरन के मोबाइल फोन ने बीजेपी सरकार (BJP Government) के दो कद्दावर मंत्रियों (High Profile Ministers) और एक पुलिस अधिकारी (Police Officer) के नाम उगले थे.


 


नई SIT ने शुरू की मामले की जांच


हनी ट्रैप मामले में पुलिस की जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं. विपक्ष भी सीबीआई जांच की मांग कर रहा है. ऐसे में सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की. हालांकि, जांच शुरू करने से पहले ही एसआईटी पर विवाद हो गया. एसआईटी चीफ डीश्रीनिवास वर्मा के जांच से इनकार करने के बाद एटीएस एडीजी संजीव समी को नई एसआईटी की जिम्मेदारी सौंपी गई. नई एसआईटी ने जांच भी शुरू कर दी है.


 


कॉल गर्ल्स सिमरन के हनीट्रैप गैंग से कनेक्शन..


सूत्रों के अनुसार, एसआईटी 9 साल पुरानी फाइल को भी री-ओपन करेगी. ये फाइल 2011 में एमपी नगर की एक होटल में पकड़ी गई दिल्ली की हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन की है. उस समय जांच के दौरान कॉल गर्ल्स के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल में दो पूर्व मंत्रियों और एक पुलिस अधिकारी का नाम सामने आया था. तत्कालीन सरकार के 2 कद्दावर मंत्रियों के नाम सामने आने के बाद मामले को दबा दिया गया था. अब एसआईटी इसकी जांच इसलिए कर रही है, क्योंकि भोपाल में पकड़ी गई एक आरोपी महिला की दिल्ली की कॉल गर्ल सिमरन से दोस्ती थी. पुलिस सिमरन से जुड़े हनीट्रैप गैंग के कनेक्शन की जांच कर रही है. ये जांच सिमरन और भोपाल की महिला आरोपी के संबंधों और उनकी सक्रियता को लेकर की जा रही है.


पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही आरोपी महिला


पुलिस का शक है कि भोपाल की महिला आरोपी ने दिल्ली की हाईप्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन के जरिए कई रसूखदारों को फंसाने का काम किया होगा. उधर एसआईटी की सदस्य एवं इंदौर की एसएसपी रुचि वर्धन मिश्रा ने कहा है कि इंदौर में दर्ज मानव तस्करी की केस डायरी को भोपाल के अयोध्या नगर थाने भेजा गया है. पुलिस मानव तस्करी से जुड़े मामले के सबूतों को जुटा रही है, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जांच के लिए लैब भेजा गया है. उन्होंने बताया कि आरोपी महिला पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही है.


पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2013 से बिजली बिल नहीं भरा था

शिवराज सिंह चौहान ने 6 साल से विदिशा में अपने किराए के घर का बिजली बिल नहीं भरा था. बिजली विभाग ने 1.26 लाख रुपये का नोटिस भेजा. इसके बाद बिजली का बिल भर दिया गया है. मकान की मालकिन लीला बाई हैं. मकान में 2013 से शिवराज सिंह किराए पर रहे हैं.


लोगों को ज्यादा बिजली बिल आने पर बिल न भरने की सलाह देने वाले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2013 से बिजली बिल नहीं भरा था. बिजली बिल की पूरी रकम 1,22,833 रुपये है. बिल का भुगतान करने के लिए बीते हफ्ते नोटिस जारी किया गया था जिसके बाद सोमवार को बिल भर दिया गया.


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