किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 74 अन्तर्गत किसी भी ऐसे किशोर का जिसके द्वारा विधि के विरूद्ध कार्य किया गया हो या किसी अपराध का शिकार हुआ हो के नाम का प्रगटन किसी भी मीडिया हाउस द्वारा नही किया जाना है, जे जी एक्ट 2015 के अघ्याय 9 की धारा 74 बालक की पहचान प्रगटन का प्रतिषेध करती है। इसका उलंघन करने पर धारा 74(3) की उपधारा(1) उपबन्धों का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति ऐसे कारावास से जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी या जुर्माने से जो 2 लाख रूपये तक का हो सकेगा या दोनों से दण्डनीय होगा।
बालक की पहचान प्रकटन का प्रतिषेध-(1) किशोर न्याय अधिनियम, 2015 किसी जॉच या अन्वेषण या न्यायिक प्रक्रिया के बारे में किसी समाचार पत्र, पत्रिका या समाचार पृष्ट या दृष्य- श्रव्य माध्यम या संचार के किसी अन्य रूप में की किसी रिर्पोट में ऐसे नाम, पते या विद्यालय या किसी अन्य विशिष्टि को प्रकट नही किया जाएगा। जिससे विधि का उल्लंघन करने वाले बालक या देखरेख और संरक्षण के जरूरतमन्द बालक या किसी बाल पीडित या किसी अपराध के साक्षी की, जो तत्समय प्रवृत किसी विधि के अधीन ऐसे मामले में अन्तर्वलित है, पहचान हो सकती है और न ही ऐसे बालक का चित्र प्रकाशित किया जाएगा।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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