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Showing posts from October 10, 2019

रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों को बड़ा झटका देते हुए कॉलिंग के लिए पैसे लेने का एलान किया

रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों को बड़ा झटका देते हुए कॉलिंग के लिए पैसे लेने का एलान किया है। जियो के ग्राहकों को अब फोन पर बात करने के लिए पैसे देने होंगे। जियो के एक बयान के मुताबिक जियो के ग्राहकों को किसी दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर कॉल करने के  लिए प्रति मिनट 6 पैसे देने होंगे, हालांकि जियो से जियो के नेटवर्क पर कॉलिंग पहले की तरह ही फ्री रहेगी। वहीं जियो ने कहा है कि वह अपने 35 करोड़ ग्राहकों को आश्वस्त करता है कि आउटगोइंग ऑफ-नेट मोबाइल कॉल पर 6 पैसा प्रति मिनट का शुल्क केवल तब तक जारी रहेगा जब तक TRAI अपने वर्तमान रेगुलेशन के अनुरूप IUC को समाप्त नहीं कर देता। हम TRAI के साथ सभी डाटा को साझा करेंगे ताकि वह समझ सके कि शून्य IUC यूजर्स के हित में है। वर्तमान में 6 पैसे प्रति मिनट है IUC शुल्क बता दें कि यह पूरा मामला इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज से जुड़ा है। IUC एक मोबाइल टेलिकॉम ऑपरेटर द्वारा दूसरे को भुगतान की जाने वाली रकम है। जब एक टेलीकॉम ऑपरेटर के ग्राहक दूसरे ऑपरेटर के ग्राहकों को आउटगोइंग मोबाइल कॉल करते हैं तब IUC का भुगतान कॉल करने वाले ऑपरेटर को करना पड़ता है। दो अलग-अलग नेटवर्क

कश्मीर में सब कुछ सामान्य है तो राज्य में 9 लाख सैनिक क्या कर रहे हैं। मेहबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर के जरिए भाजपा पर जमकर निशाना साधा। एक के बाद एक कई ट्वीट करके महबूबा ने भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है। ट्वीट के जरिए लिखा कि अगर कश्मीर में सब कुछ सामान्य है तो वहां 9 लाख सैनिक क्या कर रहे हैं। महबूबा ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से होने वाले हमले को रोकने के लिए सैनिक यहां नहीं हैं, बल्कि विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए सैनिकों को रोका गया है। इसके बाद वह लिखती हैं कि सेना की प्राथमिक जिम्मेदारी सीमाओं की सुरक्षा करना है, न कि असंतोष को कुचलना। बता दें कि पीडीपी मुखिया इन दिनों नजरबंद हैं। उनकी बेटी इल्तिजा उनके ट्विटर अकाउंट पर सक्रिय हैं। एक और ट्वीट में महबूबा की बेटी लिखती हैं कि बीजेपी वोट पाने के लिए जवानों के कार्ड का इस्तेमाल करती है। लेकिन सच्चाई यह है कि कश्मीरियों को तोपों का चारा समझा जाता है, घाटी में अशांति फैलाने के लिए सेना मोहरा बन गई है। सत्तारूढ़ दल जवानों या कश्मीरियों की परवाह नहीं करता है। उनकी एकमात्र चिंता चुनाव जीतना है। महबूबा मुफ्ती ने इन बांड पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया गुरुवार को रिहा किए गए तीन