प्रदेश में कुपोषण के शिकार अति कम वजन के बच्चों की सेहत में सुधार लाने के लिए महिला-बाल विकास विभाग द्वारा 3052 डे-केयर सेन्टर ''''''''आँगन'''''''' खोले जाएंगे। आँगन केन्द्रों मे समुदाय स्तर पर ऐसे बच्चों की देखभाल और पोषण प्रबंधन किया जाएगा। इस व्यवस्था पर लगभग साढ़े चार करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी।
डे-केयर सेन्टर ''''''''आँगन'''''''' प्रदेश के उन आँगनवाड़ी केन्द्रों में शुरू किया जाएगा, जिसमें अति कम वजन के कुल 5 अथवा उससे अधिक बच्चे है। आँगनवाड़ी केन्द्र पर नियमित रूप से 3 माह तक शिविर लगाए जाएंगे। तीन माह के दौरान प्रत्येक 15 दिन में बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति का फॉलोअप किया जाएगा। यह गतिविधि लक्षित गांव में तीन माह तक सघन रूप से और तीन माह तक पाक्षिक फॉलोअप के रूप में जारी रहेगी।
प्रत्येक ग्राम में ''''''''आँगन'''''''' केन्द्र में सहयोग के लिए पोषण सेविका का चिन्हांकन किया जाएगा। अति कम वजन के बच्चों को प्रतिदिन नाश्ता, भोजन, थर्ड मील और शाम का अतिरिक्त नाश्ता भी दिया जाएगा। ''''''''आँगन'''''''' केन्द्रों का आवश्यकता अनुसार प्रदेश के अन्य जिलों में भी विस्तार किया जाएगा।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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