किसान कल्याण तथा कृषि विकास उप संचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में रबी फसलों हेतु 394380 हेक्टर प्रस्तावित हैं। इसके विरूद्ध अभी तक 324470 लगभग हेक्टर में बोनी हो चुकी है। इस वर्ष अधिक वर्षा होने से समस्त जल स्त्रोत पूर्णरूपेण भरे हुए हैं, जिससे फसलों में पर्याप्त सिंचाई हो सकेगी। गत वर्ष गेहूँ का रकबा 245000 हेक्टर था, इस वर्ष लगभग 292000 हेक्टर में बोनी होने की संभावना है। यूरिया का उपयोग केवल टाप ड्रेसिंग (पहली व दूसरी सिंचाई के समय) में किया जाता हैं। अभी तक जिले में सहकारी संस्थाओं एवं निजी विक्रेताओं के माध्यम से 35000 मीट्रिक टन (70 प्रतिशत पूर्ति) यूरिया का वितरण किया हो चुका हैं। यूरिया की जिले में अभी लगातार आवक बनी हुई है, जिसे समितियों एवं निजी संस्थाओं के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
कृषकों से अपील की जाती है कि प्रथम सिंचाई के समय लगने वाले यूरिया की मात्रा अनुसार यूरिया का उठाव अभी कर लें। आगामी सप्ताह तक लगने वाली यूरिया रैक से द्वितीय सिंचाई के समय पुनः टाप ड्रेसिंग हेतु पर्याप्त मात्रा में यूरिया की उलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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