मैं अपनी पूरी क्षमता से भारतीय क्रिकेट और भारतीय टीम की सेवा करता रहूंगा : विराट कोहली

 विराट कोहली
मैं न केवल भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए बल्कि अपनी पूरी क्षमता के साथ भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करने के लिए भाग्यशाली रहा हूं।  मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में मेरे सफर में मेरा साथ दिया।  मैं उनके बिना यह नहीं कर सकता था - लड़के, सहयोगी स्टाफ, चयन समिति, मेरे कोच और प्रत्येक भारतीय जिन्होंने हमारे जीतने के लिए प्रार्थना की।
 कार्यभार को समझना बहुत महत्वपूर्ण बात है और पिछले 8-9 वर्षों में सभी 3 प्रारूपों में खेलने और पिछले 5-6 वर्षों से नियमित रूप से कप्तानी करने पर मेरे अत्यधिक कार्यभार को देखते हुए, मुझे लगता है कि मुझे भारतीय टीम का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह से तैयार होने के लिए खुद को स्थान देने की आवश्यकता है।  टेस्ट और वनडे क्रिकेट में।  मैंने टी20 कप्तान के तौर पर अपने समय में टीम को सब कुछ दिया है और आगे बढ़ते हुए एक बल्लेबाज के तौर पर टी20 टीम के लिए ऐसा करना जारी रखूंगा.

 बेशक, इस निर्णय पर पहुंचने में बहुत समय लगा।  अपने करीबी लोगों, रवि भाई और रोहित, जो नेतृत्व समूह का एक अनिवार्य हिस्सा रहे हैं, के साथ बहुत चिंतन और चर्चा के बाद, मैंने अक्टूबर में दुबई में इस टी 20 विश्व कप के बाद टी 20 कप्तान के रूप में पद छोड़ने का फैसला किया है।  मैंने सभी चयनकर्ताओं के साथ सचिव जय शाह और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से भी इस बारे में बात की है।  मैं अपनी पूरी क्षमता से भारतीय क्रिकेट और भारतीय टीम की सेवा करता रहूंगा।

विराट कोहली

भारत की आजादी के लिए मुस्लिम उलेमाओं ने अपनी जान की क़ुर्बानी दी है उनका मक़सद आपसी भाईचारा और वतन से मोहब्बत था : हाफ़िज़ इस्माइल बैग

भारत की आजादी के लिए मुस्लिम उलेमाओं ने अपनी जान की क़ुर्बानी दी है उनका मक़सद आपसी भाईचारा और वतन से मोहब्बत था : हाफ़िज़ इस्माइल बैग

मध्य प्रदेश जमीयत उलेमा ए हिंद मध्य प्रदेश के जिला अध्यक्ष हाफिज इस्माइल ने कहा है कि जमीयत उलेमा ए हिंद की स्थापना भारत के संविधान और भाईचारे को कायम रखने की है
इसी उद्देश्य से जंगे आजादी में मुस्लिम उलेमाओं ने अपनी जान की कुर्बानी देश के लिए इस तरह से पेश की है कि वह स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है उनका मक़सद वतन से मोहब्बत और संविधान की सुरक्षा जिसमें सब को सम्मान और सब की सुरक्षा सभी धर्मों सभी वर्गों को संविधान के अनुसार अपना धर्म मानने की आजादी और भारतीय परंपरा अनुसार भाईचारा कायम रखने की दुनिया जमीयत उलेमा ए हिंद के दस्तूर में मौजूद है जमीयत उलेमा ए हिंद के जिला अध्यक्ष हाफ़िज़ इस्माइल का कहना है कि इतिहास बताता है कि जितनी शिद्दत से लोग नफरत फैलाते हैं उतनी ही शिद्दत से लोगौ में मोहब्बत भी हो जाती है थोड़ा देर लगती है लेकिन सच्चाई और ईमानदारी के आगे एक दिन झूठ और बनावटी लोगों को जोड़ना पड़ता है और महान देश की खूबसूरती है आपसी भाईचारा और सदियों पुरानी परंपरा को मिटाना भी कोई चाहे तो यहां की मिट्टी उसे मिटने नहीं दे सकती क्योंकि सभी वर्ग सभी धर्म ने
मिलकर इस देश को आजाद कराया था हाफिज इस्माइल ने कहा कि इतिहास के पत्रों में दर्ज है ख्वाजा हसन निज़ामी ने अपनी किताब में लिखा है जंगे आज़ादी में पंजाब का जंगल उलेमाओं की लाश से भरा ओर था
शायद ही कोई ऐसा रोड पर दरख्त हो जिस पर किसी आलिम की लाश ना बंदी हो और उस क्षेत्र में शायद ही ऐसा कोई कुआं हो जहां पर अलीमुद्दीन की लाश ना तैर रही हो हाफिज इस्माइल बैक ने कहा कि कुछ बुजुर्ग मुस्लिम आलिम का तो यह हाल था कि उनके पीठ से गोश्त गायब था जब उनको नहलाया लाया गया तो मालूम हुआ कि उनके पीठ पर मास नहीं है अंग्रेजों ने चाकू से उनका मांस निकाल दिया था सिर्फ हड्डी हड्डी थी ऐसी कुर्बानियों से हमारा देश आजाद हुआ है और यही देश की खूबसूरती है जिसमें सभी का सम्मान और सभी को न्याय यही भारत का संविधानिक अर्थ है इसी के लिए जमीयत उलेमा ए हिंद प्रयासरत है और आपसी भाईचारा ही उसका मिशन है उल्लेखनीय है कि हाफिज इस्माइल बैग ने राजधानी में बड़े स्तर पर भाईचारा क़ायम करने के लिए उस स्थान से अपना कार्य शुरू किया है जो शहर से कटा हुआ है जिसका शुमार आज भी गांव में होता है भानपुर मगर अपनी सूझबूझ और दूरदृष्टि से वह भाईचारा कायम रखने में बहुत हद तक
कामयाब है वार्ड स्तर ब्लॉक स्तर पर उनके नुमाइंदे तैयार हो रहे हैं और- विशुद्ध रूप से वह गैर राजनीतिक है और आपसी भाईचारे पर ज़ोर देते हैं।

Featured Post

ईरान-इज़राइल संघर्ष 2025: तेहरान पर इज़राइली हवाई हमले, परमाणु ठिकाने तबाह

 ईरान-इज़राइल संघर्ष 2025: तेहरान पर इज़राइली हवाई हमले, परमाणु ठिकाने तबाह लेखक: इरफ़ान अली, न्यूज़ 20 प्लस तारीख: 21 जून 2025 --- 🔥 युद्ध...