Skip to main content

Posts

Showing posts from September 18, 2019

Ola में काम करने की इच्छा रखने वाले फ्रेसर्स के लिए शानदार मौका, जानिए किन पदों पर होगी भर्तियां

नई दिल्ली, पीटीआइ।  कैब सर्विस प्रोवाइडर ओला अगले 6-12 माह में प्रोडक्ट डेवलपर और रिसर्च इंजीनियर से लेकर बिजनेस एनालिस्ट तक के पदों पर 100 से अधिक फ्रेसर्स की नियुक्ति करेगी। कंपनी इन पदों के लिए देश के टॉप बिजनेस स्कूल एवं इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को हायर करेगी। ओला आइआइएम (अहमदाबाद, बेंगलुरु, कलकत्ता और लखनऊ), एक्सएलआरआइ, आइएसबी, एनआइटी, बिट्स पिलानी एवं प्रमुख आईआईटी से कैंपस प्लेसमेंट करना चाहती है।  ओला ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा है, ''कंपनी अगले छह से 12 माह में सॉफ्टवेयर डेवलपर, रिसर्च इंजीनियर, बिजनेस एनालिस्ट, प्रोडक्ट डेवलपर, मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स, प्रोग्राम मैनेजर्स के पदों पर 100 नियुक्तियां करेगी।''  ओला में फिलहाल 7,000 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो कंपनी के मोबिलिटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, फूड और फ्लीट मैनजमेंट विभागों में काम करते हैं।   बेंगलुरु स्थित कंपनी ने कहा है कि वह 'एलिवेट' नाम से विशेष कैंपस इंडक्शन प्रोग्राम चलाती है। इस 12 माह के प्रोग्राम का लक्ष्य कैंपस से हायर किये गए युवाओं को बेहतर वर्कफोर्स बनाना है।    ओला ने कहा कि उसने इस साल 6

एक तनख्वाह से कितनी बार टेक्स दूं और क्यों..

एक तनख्वाह से कितनी बार टेक्स दूं और क्यों...जबाब है??? मैनें तीस दिन काम किया,  तनख्वाह ली - टैक्स दिया मोबाइल खरीदा - टैक्स दिया--' रिचार्ज किया - टैक्स दिया डेटा लिया - टैक्स दिया बिजली ली - टैक्स दिया घर लिया - टैक्स दिया TV फ्रीज़ आदि लिये - टैक्स दिया कार ली - टैक्स दिया पेट्रोल लिया - टैक्स दिया सर्विस करवाई - टैक्स दिया रोड पर चला - टैक्स दिया टोल पर फिर - टैक्स दिया लाइसेंस बनाया - टैक्स दिया गलती की तो - टैक्स दिया रेस्तरां मे खाया - टैक्स दिया पार्किंग का - टैक्स दिया पानी लिया - टैक्स दिया राशन खरीदा - टैक्स दिया कपड़े खरीदे - टैक्स दिया जूते खरीदे - टैक्स दिया कितबें ली - टैक्स दिया टॉयलेट गया - टैक्स दिया दवाई ली तो - टैक्स दिया गैस ली - टैक्स दिया सैकड़ों और चीजें ली ओर - टैक्स दिया, कहीं फ़ीस दी, कहीं बिल, कहीं ब्याज दिया, कहीं जुर्माने के नाम पर तो कहीं रिश्वत के नाम पर पैसा देने पड़े, ये सब ड्रामे के बाद गलती से सेविंग मे बचा तो फिर टैक्स दिया---- सारी उम्र काम करने के बाद कोई सोशल सेक्युरिटी नहीं, कोई पेंशन नही, कोई मेडिकल सुविधा नहीं, बच्चों के लिये अच्छे स्कूल नहीं,