हाउडी मोदी पर कांग्रेस का वार, आनंद शर्मा बोले- ये विदेश नीति का उल्लंघन


अमेरिका में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम को कांग्रेस ने विदेश नीति का उल्लंघन बताया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ट्वीट करके पीएम मोदी पर निशाना साधा. आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दूसरे देश के चुनाव में हस्तक्षेप कर भारतीय विदेश नीति का उल्लंघन किया है.






आनंद शर्मा ने कहा कि आप अमेरिका में हमारे प्रधानमंत्री हैं, चुनाव प्रचारक नहीं. संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे संबंध द्विदलीय और डेमोक्रेट हैं. ट्रंप के लिए पीएम मोदी काा चुनाव अभियान भारत और अमेरिका दोनों राष्ट्र के लोकतंत्र का उल्लंघन है.


बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'हाउडी, मोदी' कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हौसला अफजाई की और लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के लोकप्रिय नारे 'अबकी बार, मोदी सरकार' की तर्ज पर 'अबकी बार, ट्रंप सरकार' कहा


इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मंच पर उनकी उपस्थिति दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी का संकेत देती है. पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे साथ एक बहुत खास व्यक्ति हैं, जिनके बारे में बताने की जरूरत नहीं है.


पीएम मोदी ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नाम से सभी लोग वाकिफ हैं. ट्रंप के नाम की वैश्वित राजनीति में चर्चा होती है और उनके हर शब्द को लाखों लोग सुनते हैं. मोदी ने कहा, सीईओ से लेकर कमांडर-इन-चीफ, स्टूडियो से लेकर वैश्विक मंच तक, राजनीति से लेकर अर्थव्यवस्था और सुरक्षा तक हर जगह अपनी गहरी छाप छोड़ी है.





आरिफ़ बेग मुस्लिम महान नेता

भोपाल. भोपाल स्टेट के मुख्यमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, तीन राज्यों के गवर्नर, उप राष्ट्रपति और भारत के नौवें राष्ट्रपति रहे डॉ. शंकर दयाल शर्मा के जीवन में एक मोड़ ऐसा भी आया जब वे अपने ही शहर में युवा से चुनाव हार गए। जनता में उनकी अच्छी पैठ थी, सभी शर्मा को चाहते थे, फिर हार का कारण क्या रहा? 1977 की इस घटना को लोग चार दशक बाद भी नहीं भूले हैं। 


शर्मा से नाराजगी नहीं थी, आरिफ बेग के आकर्षण में फंसे मतदाता
70 का दशक आते तक शंकर दयाल शर्मा भोपाल की शान बन चुके थे। इसके बावजूद वे चुनावी जनसम्पर्क में तामझाम नहीं करते। छोटी सी कार में तीन-चार कार्यकर्ताओं के साथ निकल पड़ते थे। जिस भी मोहल्ले में शर्मा की गाड़ी रुकती तो लोग एक-दूसरे को आवाज लगाने लगते डॉक्टर साहब आ गए... और लोग जुटना शुरू हो जाते। शर्मा अपनी बात कहते, सबसे एक-एक कर मुलाकात करते। घरों में जाकर बड़ों का आशीर्वाद लेते और आगे बढ़ते जाते। धार्मिक कट्टरता या धर्म विशेष के प्रतिनिधि वाली छवि उनकी कभी नहीं रही। वे जितने हिंदुओं में लोकप्रिय थे, उतना ही दुलार उन्हें मुस्लिमों का भी मिलता। 1977 के मध्यावधि चुनाव में केन्द्र की नीतियों की नाराजगी थी, लेकिन शर्मा से नाराजगी कभी किसी की नहीं रही। इसलिए लोगों को यकीन था कि इंडियन नेशनल कांग्रेस की सीट पर लड़ रहे शर्मा को जनता एक बार फिर चुन लेगी। बाजियां लगाते कि सत्ता विरोधी लहर का असर यहां नहीं दिखेगा।







मंच से आरिफ बेग मेरे मुल्क के मालिकों कहते और बजने लगती तालियां


व हीं भारतीय लोक दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे युवा आरिफ बेग की कद-काठी से लेकर बोलने के लहजे में गजब का आकर्षण था। ऊंचे-पूरे बेग सुदर्शन चेहरे और व्यक्तित्व के धनी तो थे ही, उनके बोलने का अंदाज भी बेहद जुदा था। वे कमला पार्क के सामने से लेकर पुराने शहर के किसी भी चौराहे पर खड़े हो जाते लोग जुटने लगते। भाषण शुरू करते समय बेग अपने खास अंदाज में भाइयों और बहनों... कहते और वाक्य पूरा होते न होते तालियां बजने लगती। बातों ही बातों में 100-150 लोगों की भीड़ जमा हो जाती। बेग अपनी बात कहते और आगे बढ़ जाते और फिर किसी चौराहे पर मजमा सजा लेते। उनका आकर्षण ही कुछ ऐसा था,कि जनता बंधती चली गई। और जब नतीजे आए तो सब चौंक गए। देश में कांग्रेस के साथ भोपाल में शर्मा भी बेग के सामने चुनावी बाजी एक लाख नो हजार वोटों से हार चुके थे, आरिफ बेग ने रिकॉर्ड बनाया। इससेेेे पहले अपने जीवन में कभी भी शंकर दयाल शर्मा चुनााव नहीं हारे थे







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