खेल और युवा कल्याण मंत्री की पहल पर प्रदेश की विभागीय खेल अकादमियों के 822 खिलाड़ियों को चिकित्सा एवं दुर्घटना बीमा का लाभ दिया जा रहा है। खिलाड़ी चिकित्सा बीमा के अंतर्गत देश के चुनिंदा अस्पतालों में से किसी भी अस्पताल में अपना बेहतर ईलाज करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें दो लाख रूपये तक निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। इसी तरह, खिलाड़ी का पाँच लाख रूपये का जीवन बीमा भी कराया गया है। इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के खिलाड़ियों के अभिभावकों को भी जीवन बीमा में शामिल किया गया है। अब मध्यप्रदेश, खिलाड़ियों का बीमा कराने वाला देश का पहला राज्य बन गयाहै।
खेल संचालक डॉ. एस.एल. थाउसेन ने जानकारी दी है कि अकादमी के खिलाड़ियों की तरह प्रदेश के प्रतिभावान राष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी चिकित्सा/दुर्घटना बीमा पॉलिसी का लाभ दिलाने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कई प्रतिभावान खिलाड़ी प्रतियोगिता या अभ्यास के दौरान चोटिल हो जाते हैं अथवा दुर्घटनावश अप्रिय स्थिति निर्मित हो जाती है। खिलाड़ियों/अभिभावकों की आर्थिक स्थिति बेहतर न होने की दशा में उन्हें पर्याप्त चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाती है, जिससे असमय ही प्रतिभा का दमन हो जाता है। डॉ. थाउसेन इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए खिलाड़ियों का चिकित्सा, दुर्घटना एवं जीवन बीमा कराये जाने का निर्णय लिया गया है। खेल संघों /फेडरेशन से राष्ट्रीय खेलों में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों की जानकारी प्राप्त की जा रही है ताकि उन्हें भी इस योजना का शीघ्र लाभ दिलाया जा सके।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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