सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं की तरक्की के लिए किए जा रहे प्रयासों से निश्चित ही महिलाओं में आत्मविश्वास का संचार हुआ है।


   सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं की तरक्की के लिए किए जा रहे प्रयासों से निश्चित ही महिलाओं में आत्मविश्वास का संचार हुआ है। महिलाएं अब अधिक चपलता और सजगता से अलग-अलग व्यावसायिक क्षेत्रों में अपनी छवि बना रही हैं।
     यही वजह है कि मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन के पेंटिंग प्रशिक्षण में सफल होकर कई महिलाएं पेंटिंग क्षेत्र में उतरी हैं। ऐसी ही एक युवा महिला सीमा यादव हैं। सभी महिलाओं के चित्रों में सर्वश्रेष्ठ चित्र बनाने पर उन्होंने प्रशासन की प्रशंसा भी बटोरी है। दतिया जिले के ग्राम करारीखुर्द से पहली बार पेंटिंग का हुनर सीखकर पेंटिंग क्षेत्र तक का सफर तय करने वाली सीमा ने पुरूषों से चुनौती होने वाला क्षेत्र होने के बावजूद सिर्फ पेंटिंग प्रशिक्षण पाने का ही फैसला नहीं किया, बल्कि वह इसमें सफल भी हुईं। 
    सात दिवस के प्रशिक्षण की अवधि में सीमा ने सिर्फ चार दिवस में पेंटिंग बनाने का हुनर सीखकर दूसरों के लिए मिसाल पेश की है। इस दौरान उन्होंने चौदह पेंटिंग बनाईं और प्रति पेंटिंग एक हजार रूपये के मान से कुल चौदह हजार रूपये की कमाई का भी आंकड़ा पार किया। वे पेंटिंग के जरिए दीवारों पर शासन  की कल्याणकारी योजनाएं उकेरेंगी। वे नई पीढ़ी को चित्राकृतियों के माध्यम से परिचित करा रही हैं और आजीविका के साथ योजनाओं के प्रचार-प्रसार में भी विशेष भूमिका का निर्बाह कर रही हैं। 
    पेंटिंग में नव पारंगत सीमा की पेंटिंग की अनूठी झलक करारीखुर्द के स्कूलों में भी देखने को मिल रही है। स्कूलों में पेंटिंग के भंडार को प्रदर्शित किया गया है। वे अलग-अलग रंगों में दीवारों पर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देती चित्राकृतियां उकेरती हैं। खासतौर पर योजनाओं को सरल अंदाज में पेंटिंग विषयों के रूप में चुनती हैं। उन्हें पेंटिंग में अच्छी खासी कमाई होने का अंदाजा है।
     सीमा सरकारी योजनाओं के अलावा भी लोगों के लिए भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देती चित्राकृतियां उकेरेंगी। सीमा का कहना है कि एक पेंटिंग को बनाने में समय तो लगता है, लेकिन इसमें कमाई भी होती है। यह बड़ी मेहनत व बारीक काम है। ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक श्रीमती संतमती खलको कहती हैं कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में बने महिला स्वसहायता समूहों की तमाम महिलाओं को आजीविका से जोड़ने के लिए पेंटिंग का प्रशिक्षण दिलाया गया है। ये ग्रामीण महिलाएं पेंटिंग के जरिए अच्छी खासी कमाई कर सकेंगी।


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