सहकारिता आयुक्त एम.के. अग्रवाल ने निर्देश दिये है कि परिसमापन में लाई गई जिला सहकारी कृषि विकास बैंकों सहित प्रदेश की लगभग 10 हजार सहकारी संस्थाओं का पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई शीघ्र पूर्ण की जाए। अग्रवाल ने 02 नवम्बर को भोपाल में सहकारिता अधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक में कहा कि आगामी तीन महीनों में इनमें से कम से कम 25 प्रतिशत संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन से इन संस्थाओं को प्राप्त ऋण के विरूद्ध इनकी विभिन्न परिसम्पत्तियों को शासन को हस्तांतरित करने आदि की कार्रवाई तय मापदण्डों के अनुरूप की जाएगी। इन संस्थाओं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के शासन के दूसरे विभागों में संविलियन की कार्रवाई 31 दिसम्बर 2019 तक पूरी कर ली जाए।
बैठक में 11 सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों शहडोल, सिवनी, भिंड, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, रायसेन, मंदसौर, खरगोन, देवास, बालाघाट एवं उज्जैन द्वारा बकाया ऋणों को एकमुश्त समझौता योजनान्तर्गत शून्य ब्याज दर पर जिला सहकारी बैंकों को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। शेष 27 बैंकों को कार्रवाई पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। सहकारिता अधिनियम के अंतर्गत परिसमापकों द्वारा बैंकों की अस्तियों एवं दायित्वों की स्थिति के प्रकाशन की कार्रवाई के अंतर्गत केवल 4 बैंकों छिंदवाड़ा, मंदसौर, राजगढ़ एवं उज्जैन द्वारा जानकारी प्रस्तुत की गई। शेष 34 बैंकों को इस संबंध में जानकारी शीघ्र प्रस्तुत करने के लिए कहा गया।
कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के पास जो अचल संपत्तियाँ हैं, उन्हें शासन द्वारा बैंकों को दिए गए ऋणों के विरूद्ध शासन को हस्तांतरित करने संबंधी प्रस्ताव शीघ्र राज्य स्तर पर भिजवाए जाने के निर्देश दिए गए। सभी बैंक को परिसमापन संबंधी अंतिम आदेश जारी करने की कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा गया। निर्देश दिए गए कि जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के विभिन्न अधिकारियों/कर्मचारियो के वेतन एवं दायित्वों के निराकरण के संबंध में सहकारिता अधिनियम एवं उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई की जाए।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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