कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री श्रीकांत बनोठ ने उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोध्या मामले में सुनवाई उपरांत निर्णय को देखते हुए जिले में कानून और व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए समस्त शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों के अवकाश आकस्मिक प्रभाव से निरस्त कर दिए है। जिले के समस्त विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को यह भी आदेशित किया गया है कि वे अपने कार्य प्रभार मुख्यालय पर ही रहेंगे तथा बिना अनुमति के अवकाश पर तथा मुख्यालय छोड़ अन्यत्र नही जायेंगे।
श्री बनोठ ने इसी प्रकार समस्त राजस्व अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, पटवारी एवं कोटवार को भी आदेश दिए है कि वे अपने कार्य प्रभार मुख्यालय पर रहकर क्षेत्र में श्शांति व्यवस्था बनाएं रखने का प्रयास करे। साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि से तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करे। यह भी आदेशित किया है कि वे अपने कार्य प्रभार मुख्यालय पर ही रहेंगे और बिना अनुमति के अवकाश पर तथा मुख्यालय छोड़ अन्यंत्र नही जाऐंगे। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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