डेंगू का एक मच्छर एक दिन में 50 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

    जिले में डेंगू, चिकुनगुनिया एवं मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। आम जनों से भी डेंगू एवं चिकुनगुनिया न हो, इसके लिए सावधानी बरतने की अपील की गई है। उक्त बीमारियों के लक्षण पाए जाने पर तत्काल चिकित्सीय सहायता लेने की सलाह भी दी गई है।
    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया है कि डेंगू, चिकनगुनिया एवं संक्रामिक मच्छर एडीज प्रभावी मादा मच्छर के काटने से मनुष्य में फैलने वाला एक वायरस रोग है। डेंगू का वायरस, डेन वायरस तथा चिकनगुनिया का चिक वायरस होता है। डेंगू का एक मच्छर एक दिन में 50 लोगों को संक्रमित कर सकता है। डेंगू रोग ज्वर के रूप में उत्पन्न होता है तथा चिकनगुनिया में ज्वर के साथ-साथ जोड़ों में दर्द होता है। डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होता है और यह दिन के समय ही काटता है। रोगग्रस्त होने से समय पर उपचार आवश्यक है।
    उन्होंने बताया कि डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षणों में रोगी को अचानक तेज बुखार, कमर और जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। जी मिचलाता है और उल्टी भी होती है तथा शरीर में छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं। डेंगू जब घातक अवस्था में होता है तो शरीर पर लाल चकते बन जाते हैं और नाक व दस्त में रक्त स्त्राव होने लगता है। ऐसी अवस्था में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर चिकित्सीय सलाह लें तथा इस अवस्था में पीड़ित मरीज को स्क्रीन व ब्रूफेन दवा बिल्कुल भी न दी जाए।
    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने शहरवासियों से डेंगू एवं चिकनगुनिया से बचने हेतु आवश्यक उपाय करने की अपील की है। छत एवं घर के आस-पास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा न होने दें। सप्ताह में एक बार अपने घर के कूलर, बाल्टी, टब आदि का पानी खाली कर सुखाकर ही पानी भरें। पानी के बर्तन ढककर रखें। घर के आस-पास के गढ्ढों को मिट्टी से भर दें तथा मिट्टी भरने के पश्चात तेल या जला हुआ इंजन ऑयल डाल दें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। इसके साथ ही दिन के समय फुल आस्तीन के कपड़े पहनें व सामुदायिक स्थानों पर स्वच्छता का ध्यान रखें। डेंगू एवं चिकनगुनिया से बचने हेतु सावधानी जरूरी है।


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