किसानों के लिए दो लाख सोलर पम्प स्थापित किए जायेंगे।

नवीन और नवकरणीय ऊर्जा विभाग के द्वारा प्रदेश में करीब 19 हजार किसानों के खेत पर सोलर पम्प लगवाने में सफलता प्राप्त की है। आगामी पाँच वर्ष में किसानों के लिए दो लाख सोलर पम्प स्थापित किए जायेंगे। सोलर पम्पों की स्थापना पर किसानों को तीन एचपी क्षमता तक 90 प्रतिशत और 3 से 5 एचपी क्षमता तक 85 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। सोलर पम्प को लोकप्रिय बनाने में वन, कृषि, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सक्रिय सहयोग दिया जा रहा है। सोलर पम्प से कृषि के क्षेत्र में बिजली की बचत के साथ वित्तीय भार कम हो जाता है।
   इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये कृषक के पास स्वयं का जल स्रोत जैसे बोरवेल, कुआँ, नदी, स्टॉप डेम इत्यादि होना आवश्यक है। योजना के अंतर्गत स्थापित सोलर पम्प संयंत्र में पाँच वर्ष की वारंटी के साथ 5 वर्ष का रख-रखाव भी सम्मिलित हैं। सोलर पम्पों के सोलर पैनलों से वर्ष के लगभग 330 दिन व औसतन 8 घंटे प्रतिदिन ऊर्जा का उत्पादन होता है, जबकि कृषि पम्पिंग के लिये आवश्यकता लगभग 100-120 दिन ही होती है। शेष ऊर्जा का उपयोग विभिन्न वैकल्पिक उपयोगों, जैसे लाईंटिंग, बैटरी चार्जिंग, सूक्ष्म ग्रिड, आदि के लिए किया जा सकता है। किसान हितैषी राज्य सरकार द्वारा किसानों की पैदावार एवं उनकी आय को बढ़ाने की दृष्टि से आगामी पाँच वर्षों में प्रदेश के किसानों के लिये खेती के दो लाख सोलर पंप स्थापित किये जाने की पहल से आगामी वर्षों में प्रदेश के किसान कृषि के क्षेत्र में अधिक समृद्ध और आत्म निर्भर हो सकेंगे।


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