शासन द्वारा शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार का अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना लागू की गई है। इसके माध्यम से शिक्षित युवाओं को 2 करोड़ रूपये का ऋण देने का प्रावधान है। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन का मध्यप्रदेश का मूल निवासी होने आवश्यक है। उसकी आयु 18 से 40 वर्ष तथा शैक्षणिक योग्यता कम से कम 10वीं पास निर्धारित की गई है। आवेदक को किसी भी राष्ट्रीय बैंक अथवा अन्य वित्तीय संस्थाओं का डिफल्टर नही होना चाहिए। शासन इस योजना से आवेदक के अभिभावकों के आयकरदाता न होने की शर्त हटा दी है। इससे अधिक से अधिक शिक्षित युवाओं योजना का लाभ उठा सकेंगे।
इस संबंध में महाप्रबंधक जिला उद्योग ने बताया कि इस योजना का लाभ केवल विनिर्माण उद्योग तथा सेवा क्षेत्र की परियोजनाओं को दिया जा रहा है। परियोजनाओं को cgtmse के तहत बैंक ऋण गारंटी के लिए पात्र होनी चाहिए। इस योजना में भैंस, गाय पालन तथा मुर्गी पालन संबंधी इकाईयों के लिए पात्रता नहीं होगी। पात्र आवेदक अपने उद्यम के लिए 10 लाख रूपये से 2 करोड़ तक का ऋण ले सकते हैं। इस योजना में इकाई की कुल पूजी लागत पर 15 प्रतिशत राशि मर्जिन मनी सहायता के रूप में दी जाती है। मर्जिन मनी अधिकतम 18 लाख रूपये तक ही देय होगी। आवेदक के बीपीएल होने पर उनसे 20 प्रतिशत मर्जिन मनी देय होगी। युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए 7 वर्ष तक व्याज अनुदान दिया जायेगा। महिला उद्यमी को 6 प्रतिशत प्रति वर्ष तथा अन्य उद्यमी को 5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से व्याज अनुदान दिया जायेगा। योजना में सात वर्ष तक प्रचालित दर से गारंटी शुल्क देना होगा। महाप्रबंधक उद्योग ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए पात्र उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना के संबंध में अन्य जानकारियां बेवसाइट www.msme.mponlin.gov.in से प्राप्त की जा सकती है।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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