इंसान में अगर हिम्मत और कुछ नया कर गुजरने का जज्बा है तो कोई भी राह मुश्किल नहीं। यह बात सच कर दिखाई है जिले के छोटे से गांव करारीखुर्द की एक महिला कृषक मीना यादव ने।
गांव में गृहिणी से खेतों तक का सफर आसान नहीं है। लेकिन चार बच्चों की मां पैंतालीस वर्षीया मीना ने यह कर दिखाया है। उनके पति रामेश्वर दूध बेचने का काम करते हैं। उन्होंने खेती बाड़ी में मेहनत करने की बजाय घरेलू कामकाज में हाथ बंटाने की मीना को सलाह दी। लेकिन वह नहीं मानीं। वे कहतीं हैं कि खेती बाड़ी में अन्य महिला कृषकों के काम ने उन्हें खेतों में उतरने के लिए प्रेरित किया। इससे उन्हें आमदनी भी हो रही है।
अन्ततः मीना की इस धुन में उसके परिवार वालों ने भी पूरा साथ दिया। मीना गांव के जय मां पीताम्बरा महिला स्वसहायता समूह की सदस्य हैं। लिहाजा इस समूह के माध्यम से उन्होंने खेती बाड़ी के लिए बीस हजार रूपये का ऋण लेकर कई प्रकार की फसलें उगा लीं। उन्होंने खेतों में लगी भिण्डी, बेगन, टमाटर, उड़द, तिल, मूंगफली से अच्छी कमाई की। खासबात यह है कि वह अपने खेतों में मजदूर नहीं लगातीं और सारे काम स्वयं अकेले करती हैं। वह अपनी कमाई से अपने दो लड़कों को पढ़ा रही हैं और घर का खर्चा भी उठा रही हैं। परिजनों का कहना है कि यह काम उन्होंने अपनी मर्जी से परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए चुना है। मीना को खेती किसानी का माहौल घर से ही मिला है।
ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक श्रीमती संतमती खलको कहती हैं कि ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा गठित महिला स्वसहायता समूहों के जरिए खेती बाड़ी के लिए महिला कृषकों को वित्तीय सहायता दी जा रही हैं, ताकि वे बगैर परेशानी के खेती कर सकें।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
Comments
Post a Comment