सीहोर जिले में उत्पादित शरबती गेहूं मंडी में व्यापारियों द्वारा नीलामी में क्रय किया जाता है, जिसका प्रोसेसिंग एवं पैक कर सीधे मुंबई भेजा जाता है। मुंबई में यह गेहूं सीहोर शरबती के नाम से प्रसिद्ध है। सीहोर शरबती गेहूं की प्रसिद्धि के कारण ही आई.टी.सी कंपनी द्वारा जिले के कृषकों से खरीद कर "आशीर्वाद आटा ब्रांड नेम" से मार्केट में विक्रय किया जा रहा है यही कारण है कि शरबती गेहूं ने सीहोर जिले का नाम अन्तर्राष्ट्रीय कतार में खड़ा कर दिया है।
सीहोर जिले में शरबती गेहूं का रकबा 40390 हेक्टेयर में है। शरबती गेहूं का उत्पादन 109053 मीट्रक टन होता है। जिले में शरबती गेहूं के लिए लगभग 40 गांव ऐसे हैं, जहां शरबती गेहूं का उत्पादन बहुत अच्छा होता है। इन गांवों की जलवायु शरबती गेहूं के लिए उचित है। इन गांवों में 40 फीट तक गहरी काली मिट्टी पाई जाती है जहां पर पूर्व से ही सिंचाई के साधन कम होने पर शरबती गेहूं बोया जाता था परन्तु वर्तमान में सिंचित रकबा बढ़ने के बावजूद भी शरबती गेहूं बोया जा रहा है। सीहोर के शरबती गेहूं में रासायनिक खाद की मात्रा असिंचित गेहूं में जो मात्रा अनुशंसित है वही मात्रा इसमें भी दी जाती है
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
Comments
Post a Comment