पशुपालन आज के बदलते हुए पर्यावरण को देखते हुये खेती-किसानी के लिये स्थायी आय का स्त्रोत है।

 


 

   मंदसौर जिले के भानपुरा तहसील के ग्राम संधारा के रहने वाले पशुपालक श्री खुमान सिंह पिता दुले सिंह ने दुग्‍ध उत्‍पादन को अपनाया और साथ ही साथ इसे लाभ का धंधा भी बनाया है। पशुपालन आज के बदलते हुए पर्यावरण को देखते हुये खेती-किसानी के लिये स्थायी आय का स्त्रोत है। उन्‍होंने बताया कि सदभावना शिविर के स्‍वरोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया था। जहां उन को पिछडावर्ग एवं अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण विभाग की योजना ''मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना''  के बारे में जानकारी मिली। उन्‍होंने पिछडावर्ग एवं अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण विभाग में आवेदन दिया था। उन्‍हें मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना के तहत यूको बैक से 1 लाख रूपये की सहायता प्राप्‍त हुई। उन्‍हें पिछडावर्ग एवं अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण विभाग से 30 हजार रूपये की अनुदान के रूप में प्राप्‍त हुआ। श्री खुमानसिंह ने प्राप्त राशि से मुर्रा दुधारू भैंसो का क्रय कर दुग्ध उत्पादन का व्यवसाय प्रारम्भ किया।  जिससे दुग्ध उत्पादक को गाढ़ी कमाई प्राप्त हो रही हैं। दुग्ध उत्पादक ने घर पर ही दही, छाछ, घी जैसें दुग्ध उत्पादो एवं वर्मीकम्पोष्ट जैंसी उन्नत खाद का निर्माण किया। जिससे उनकों अतिरिक्त दाम प्राप्त हुए औंर इस योजना द्वारा लाभान्वीत दुग्धउत्पादक आज बहुत खुश हैं, औंर उनके परिवार की आर्थिक, सामाजिक व शैक्षणीक जीवनस्तर में बदलाव आया। अपने इन्हीं दृढ संकल्पित प्रयासों के कारण आज दूग्ध व्यवसायी श्री खुमानसिंह का नाम समाज में बढे गर्व के साथ लिया जाता हैं। अपनी इस उपलब्धि के लिए वे '' पिछडा वर्ग एवं अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण विभाग एवं जिला कलेक्‍टर का दिल से आभारी है एवं सरकार की इस योजना का तहदिल से शुक्रिया अदा करते है।



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