जिला प्रशासन की टीम ने गुरुवार को शहर में अभियान चलाकर अवैध रूप से तलघरों में संचालित हो रहे नर्सिंग होम और हॉस्पिटल के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की। एडीएम रिंकेश वैश्य के निर्देशन में की गई इस कार्यवाई में आधा दर्जन अस्पतालों के तलघरों को पार्किंग के लिये खुलवाया गया। वहीं तलघर में संचालित लैब का लायसेंस भी निलंबित कर दिया गया।
एडीएम वैश्य की टीम मैक्सकेयर हास्पिटल मोहन नगर मुरार पहुंची जहां डॉक्टर और मरीज जांच तल को देखकर भाग गये। इस अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर दिया गया। सुविधा हॉस्पिटल के तलघर को भी खाली करवाया गया इसमें अस्पताल का सामान रखा हुआ था। एपेक्स व केडीजे अस्पताल बारादरी के भी तलघर को खाली कराया गया। इन सभी में अस्पताल संचालक द्वारा मरीजों को भर्ती करने के पलंग रखे गये थे। इनके साथ अन्य सामान भी मिला जिसे प्रशासनिक टीम ने नगर निगम अमले की मदद से हटा दिया गया।
ग्लोबल हास्पिटल, माहेश्वरी नर्सिंग होम, मेहरा बाल चिकित्सालय, प्रयास हॉस्पिटल गांधी रोड, रायल हॉस्पिटल, पल्स हास्पिटल और साईं श्रद्धा हास्पिटल के साथ ग्रोवर हास्पिटल, बारादरी मुरार के भी तलघर को खाली कराने के बाद इन पर नोटिस चस्पे किये गये। इसमें इनके संचालकों से 15 दिन में जवाब मांगे गये हैं। 15 दिन में जवाब नहीं मिलने पर इनका लायसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी। साथ ही तलघरों में किसी भी तरह की व्यवसाय गतिविधि पाये जाने पर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
एडीएम के निरीक्षण के आधार पर सीएमएचओ द्वारा इन सभी पर नोटिस चस्पा किये गये हैं। जांच दल के आने की सूचना मिलने पर हास्पिटल संचालकों ने मरीजों को तलघरों से हटा दिया था। लेकिन उनको भर्ती करने के पलंग तथा अन्य साजो सामान वहां पाया गया। इनके साथ हास्पिटल रोड पर संचालित दिशा पैथोलॉजी लैब का पंजीयन निरस्त करने का आदेश भी जारी किया गया है। यहां पिछले निरीक्षण में तलघर में पैथोलॉजी लैब संचालित पाई गई थी।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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