बैजाताल में बोटिंग प्रारंभ

  



  नगर निगम ग्वालियर द्वारा उपयोग किए जा चुके पानी को पुनः ट्रीट कर पुर्नउपयोग के लायक बनाया जा रहा है जिससे एक ओर नियमित रुप से पेड पौधों की सिंचाई हो पा रही है, सडकों चौराहों की धुलाई हो रही है तथा शहर में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बैजाताल में बोटिंग भी प्रारंभ कर दी गई है जिससे निगम को आय भी हो रही है।
       नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के तहत जहां साफ सफाई व स्वच्छता के तो अंक है ही, साथ ही पुरानी वस्तुओं को पुर्नउपयोग करना तथा उपयोग किए गए पानी को ट्रीट करके पुर्नउपयोग के लिए बनाने के भी अंक हैं। 
          नगर निगम ग्वालियर द्वारा बैजाताल, जल विहार एवं वोट क्लब स्वर्णरेखा में साफ पानी बहाने के लिए जल विहार में 1 करोड 47 लाख रुपए की लागत से 1 एमएलडी क्षमता का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। जिसमें कि प्रतिदिन 10 लाख लीटर पानी ट्रीट हो रहा है। इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी ट्रीट किया जाकर उसे पुर्नउपयोग के लायक बनाया जा रहा है। जिससे बैजाताल को भरा गया है तथा इस पानी से बैजाताल का लेवल मेंटेन किया जा रहा है जिससे वहां बोटिंग कराई जा रही है। इस प्लांट से लगभग 5 लाख लीटर पानी प्रतिदिन बैजाताल में छोडा जा रहा है। इसके साथ ही बैजाताल में पानी की सफाई के लिए 6 फाउंटेन एवं 1 झरना लगाया गया है जो कि पानी की सफाई के साथ ही सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र भी बन रहे हैं। वहीं ग्राउंड वाटर हार्वेस्टिंग के लिए भी बैजताल में 50 किट वाटर हार्वेस्टिंग की लगाई गई हैं जिससे आस पास के क्षेत्र की भूमि का वाटर लेवल भी बढ रहा है। सैलानियों के आकर्षण के लिए बैजाताल को आकर्षक विद्युत साज सज्जा से सुसज्जित किया गया है।
      बैजाताल में शहर के नागरिकों के साथ ही बाहर से आने वाले सैलिनियों के लिए दीपावली के दिन से बोंटंग प्रारंभ कराई गई है। जिसके लिए निगम द्वारा 10 नाव डाली गई हैं जो कि आवश्यकतानुसार आगे और बढाई जाएंगी। अभी तक निगम को बोटिंग के माध्यम से 1 लाख 20 हजार रुपए की आय हुई है। बोटिंग के लिए प्रतिदिन लगभग 200 सैलानी आ रहे हैं।
       निगमायुक्त श्री माकिन ने बताया कि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट होने वाले पानी से जलविहार, चिडियाघर के साथ ही शहर के विभिन्न डिवायडरों पर लगे पेड पौधों में नियमित सिंचाई भी की जा रही है। इसके साथ ही शहर में लगी विभिन्न मूर्तियों एवं सडकों, चौराहों की धुलाई के लिए भी उपयोग हो रहा है। 


-मधुसोलापुरकर

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