खण्डवा की सिंधी कॉलोनी निवासी उषा कृपलानी को हमेशा से ही कुछ नया करने की ललक थी। अपनी घर गृहस्थी के काम के अलावा बचे समय का उपयोग कर वो अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कुछ नया करने की सोच रही थी, तभी एक दिन अचानक उन्हें सुपारी कटिंग मशीन के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने इसी को अपना व्यवसाय बनाकर आत्मनिर्भर होने की ठान ली। इसके लिए जानकारी एकत्र की तो मालूम चला कि लगभग 9-10 लाख रूपये का खर्चो इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए करना होगा। अब लेकिन इतनी बड़ी राशि थी नही सो उषा ने उद्योग विभाग जाकर स्वरोजगार योजनाओं के बारे में जानकारी ली। जिला उद्योग केन्द्र में श्रीमती कृपलानी को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के बारे में वहां बताया गया कि जिस पर उन्होंने आवेदन कर दिया और कुछ दिनों में उनका ऋण प्रकरण स्वीकृत हो गया, उसके आधार पर उषा कृपलानी को इलाहबाद बैंक द्वारा lकेवल खण्डवा बल्कि निमाड़ के चारों जिलों के अलावा हरदा, होशंगाबाद व महाराष्ट्र की सीमावर्ती जिलों में भी सुपारी कटिंग कर उसके पैकेट तैयार करने का व्यवसाय कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनका व्यवसाय अब अच्छी तरह चल निकला है, जिससे हर माह 40-50 हजार रूपये की आय हो जाती है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से बहुत अच्छी हो गई है। |
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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