मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मिली आर्थिक मदद



 




कभी जोगीबेड़ा जैसे छोटे गांव में घर घर जाकर शेविंग-कटिंग का कार्य करने वाले बिनेश सेन मुश्किल से 100 रूपये रोज कमा पाते थे, अब प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मिली आर्थिक मदद से पास के बड़े गांव आशापुर में बस स्टेण्ड के पास दुकान किराये से लेकर खुद का हेयर कटिंग सैलून संचालित कर रहे है, जिससे आय पहले से 3 गुना बढ़ गई है, जिससे परिवार में खुशहाली आ गई।

ग्राम जोगीबेड़ा निवासी बिनेश सेन अपने पैतृक व परम्परागत व्यवसाय के रूप में गांव में अपने पुराने ग्राहकों के घर-घर जाकर कटिंग करते थे, उसमें आय बहुत कम होती थी, कुछ दिन अपने रिश्तेदार की दुकान पर भी 100 रू. रोज में काम किया, लेकिन इतनी कमाई से 3 बच्चों का पालन पोषण बहुत कठिन हो रहा था, इसलिए बिनेश ने अपने साथियों से इस संबंध में चर्चा की तो उसके दोस्तों ने उसे उद्योग विभाग जाकर स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी लेने की सलाह दी। एक दिन बिनेश खण्डवा जिला उद्योग केन्द्र गया और पूछताछ की तो उसे वहां मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के बारे में बताया उसे योजना ठीक लगी तो उसने वहीं से आवेदन देकर जमा कर दिया। कुछ दिनों बाद बिनेश का हेयर कटिंग सैलून स्थापित करने संबंधी 1 लाख रू. का प्रकरण स्वीकृत हो गया।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत बैंक ऑफ इंडिया की आशापुर शाखा ने उसे 1 लाख रू. का ऋण दे दिया। ऋण में मिली राशि से उसने पास के बड़े गांव आशापुर में बस स्टेण्ड के पास दुकान किराये से लेकर हेयर कटिंग सैलून खोल लिया। अब क्या था बिनेश की दुकान चल निकली। वह बताता है कि जहां पहले 100 रू. रोज ही मुश्किल से मिलते थे, अब बैंक ऋण की किश्त भरने के बाद भी 300-400 रूपये रोज आसानी से वह कमा लेता है, जिससे वह अपनी पत्नि, एक पुत्र व दो पुत्रियों के छोटे से परिवार का अच्छी तरह से पालन पोषण कर पा रहा है।  



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