परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत पुरूषों की भागीदारी बढ़ाये जाने के लिये शासन के निर्देशानुसार पुरूष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जायेगा। पखवाड़ा गुरूवार 21 नवंबर से 04 दिसम्बर तक मनाया जायेगा। परिवार नियोजन कार्यक्रम मे पुरूषों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये यह आवश्यक है कि अधिक से अधिक पुरुष नसबंदी ऑपरेशन हो सके। इसके लिये समाज मे एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण कर विभागीय मैदानी अमले द्वारा लोगो को पुरुष नसबंदी के लाभ एवं पुरूषों की भागीदारी परिवार नियोजन कार्यक्रम मे क्यों आवश्यक है इससे अवगत कराया जायेगा।
परिवार की अधिकांश जिम्मेदारियां महिलाओं के उपर निर्भर करती है। लोगों को पुरुष नसबंदी के लिये प्रेरित करने के पीछे शासन की मंशा है कि परिवार की जिम्मेदारी मे पुरूषों की भी भूमिका रहे। पुरूषो द्वारा आगे आकर परिवार नियोजन के इस कार्यक्रम को अपनाने के लिये योग्य हितग्राहियों को समझाईश दी जाये। पुरूषों के सहयोग के बिना परिवार नियोजन कार्यक्रम को वांछित सफलता नहीं मिल सकती। पुरुष प्रधान समाज में पुरुष घर का कर्ताधर्ता होता है। सारे महत्वपूर्ण निर्णय पुरूषों द्वारा लिये जाते हैं जैसे कि कितने बच्चे पैदा करना है या स्त्री को परिवार नियोजन की कोन सी विधि अपनाना चाहिए आदि। पुरूषों को परिवार नियोजन अपनाने के लिए समझाना होगा। उन्हें यह भ्रांति दूर करने के लिए जानकारी देनी होगी कि पुरुष नसबंदी से पुरुषत्व में हानि नहीं होती, तथा अन्य जानकारी भी जैसे एड्स व यौन संक्रमण रोग से बचने के उपाय।
पखवाड़े के दौरान प्रथम चरण 21 से 27 नवंबर तक मोबिलाइजेशन अथवा सामाजिक जागरूकता की गतिविधियां सम्पादित की जायेंगी, मैदानी कार्यकर्ताओं के माध्यम से निरन्तर लक्षित परिवार से संपर्क कर पुरुष नसबंदी हेतु योग्य हितग्राहियों को प्रेरित करने का कार्य व इच्छुक दंपत्तियों का चिन्हांकन किया जायेंगा। साथ ही पुरुष नसबंदी ऑपरेशन करवाने पर श्रतिपूर्ति राशि दो हजार रुपये दी जाती है एवं साथ मे लाने वाले प्रेरक को राशि 300 रुपये राशि दी जाती है इस बारे लोगो को जानकारी प्रदान की जायेगी। पखवाड़े के द्वितीय चरण गुरूवार 28 नवंबर से 04 दिसम्बर तक सर्विस डिलेवरी फेज, जिसमे विशेष केम्पो का आयोजन कर सम्पूर्ण जिले मे पुरुष नसबंदी ऑपरेशन किये जायेंगे।
पुरुष नसबंदी के लिये जिला चिकित्सालय उज्जैन मे प्रतिदिन पुरुष नसबंदी ऑपरेशन किये जाते हैं। साथ ही पूरे जिले में निश्चित दिवस में (फिक्स डे केम्प) शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे पुरुष नसबंदी ऑपरेशन किये जायेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा लोगों से अपील की गई है कि जिनके दो बच्चे है और वे अपने परिवार को सीमिति रखना चाहते है तो वे इन शिविरों का लाभ उठाकर पुरुष नसबंदी ऑपरेशन करवा सकते है। पुरुष नसबन्दी ऑपरेशन में 10 से 15 मिनिट का समय लगता है, भर्ती होने की आवश्यकता नही है, ऑपरेशन मे चीरा व टांका नहीं लगाया जाता है, यह एक सरल एवं सुरक्षित तकनीक द्वारा किया जाता है।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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