जिले बुरहानपुर के ग्राम लोनी में अवस्थित आंगनवाड़ी केन्द्र क्र-3 लोनी को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में चुना गया है। यह बुरहानपुर जिले के लिए गौरान्वित विषय है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र को आईएसओ प्रमाण पत्र मिला है। प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर कलेक्टर श्री राजेश कुमार कौल द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को इस उपलब्धि के लिए सम्मानित एवं शुभकामनाएँ दी गई है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उज्जवला चौधरी ने बताया कि यह प्रमाण पत्र बहुत मेहनत करने के बाद मिला है। इसके लिए हम घर-घर जाकर बच्चों को तैयार करके आंगनवाड़ी केन्द्र लाते थे। आज यह स्थिति है कि हमारी मेहनत रंग लाई अब बच्चें आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं आते है। उन्हें बुलाने नहीं जाना पड़ता है।
अभिभावक खुद अपने बच्चों को छोड़ने आते है। सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लेते है। आंगनवाड़ी केन्द्र क्र-3 लोनी में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना साथ ही अन्य सभी योजनाओं के हितग्राही जो कि पात्र है वह दर्ज है। जो बच्चें कमजोर है उन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन्हें पोषण देने के लिए पोषण पुर्नवास केन्द्र सुधार हेतु भेजा जाता है। जिससे उनमें सुधार आया है।
आज तक जो लोगों की धारणा थी कि आंगनवाड़ी में केवल दलिया मिलता है। वह भ्रम मेरे क्षेत्र में हमारे प्रयास से कम हो गया है। प्रायवेट स्कूल की तरह यहां पढ़ाई करवाई जा रही है साथ ही विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नन्हें-मुन्ने बच्चों को नई-नई बाते सिखाई जाती है। जिन्हें सिखने के लिए बच्चें रूचि लेकर प्रतिदिन उपस्थित होते है।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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