सीहोर जिले के बिलकिसगंज थाना अन्तर्गत ग्राम ईटखेडा निवासी जब्बार खान का 12 वर्षीय बालक मदरसे में अध्ययनरत था। बालक मदरसे की छुट्टियों के अवसर पर अपने घर आ रहा था परंतु गलत ट्रेन में बैठने के कारण छत्तीसगढ राज्य के राजनांदगांव में पहुंच गया था। जिसे की छत्तीसगढ़ की जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से बाल कल्याण समिति, राजनांदगाव के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति द्वारा तात्कालिक संरक्षण के तौर पर बाल गृह दुर्ग में रखा गया। बालक से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह सीहोर जिले के ग्राम ईटखेडा का रहने वाला है और मदरसे से घर जाने के लिए वह ट्रेन में बैठा था। लेकिन उसे नहीं मालूम था कि ट्रेन कहां जा रही है। जिला बाल संरक्षण इकाई, राजनांदगाव द्वारा बालक के संबंध में जिला बाल संरक्षण इकाई जिला सीहोर से संपर्क किया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई जिला सीहोर द्वारा बालक के परिवार से संपर्क कर गृह अध्ययन रिपोर्ट तैयार कर जिला बाल संरक्षण इकाई राजनांदगाव को उपलब्ध कराई गई एवं बालक सीहोर जिले का निवासी होने के कारण उसे बाल कल्याण समिति जिला सीहोर के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए पत्र लिखा गया।
जिला बाल संरक्षण समिति जिला सीहोर के प्रयासों से 21 अक्टूबर को बालक को बाल कल्याण समिति सीहोर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बालक के संबंध में बालक के माता-पिता द्वारा बालक को सुपुर्द करने हेतु निवेदन किया गया। इस संबंध में समिति द्वारा माता पिता एवं बालक से पूछताछ की तथा दस्तावेजो का भी परीक्षण किया। जांच उपरांत संतुष्ट होकर बालक के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखकर किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015 के अंतर्गत बालक को उसके परीजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इस प्रकार बाल संरक्षण समिति जिला सीहोर के प्रयासों से एक बालक को उसके परिवार से मिलाया गया।
12 वर्षीय बालक के माता-पिता बताते हैं कि बालक के गुम हो जाने पर उनके परिवार में एकदम अंधेरा छा गया था। बालक के गुम हो जाने के कारण के मानों उनका जीवन बेरंग हो गया हो। लेकिन जिला बाल संरक्षण समिति के प्रयासों से आज उनके जीवन में वापस खुशियां लौट आई। अपने कलेजे के टुकड़े को सुरक्षित पाकर आज वह फूले नहीं समा रहे हैं और जिला बाल संरक्षण समिति के प्रयासों की सराहना करते नहीं थकते।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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