हंगामा है क्यूं बरपा थोड़ी सी जो पी ली है।

 शायर:अकबर इलाहाबादी



मौत आई इश्क़ में तो हमें नींद आ गई
निकली बदन से जान तो काँटा निकल गया


मज़हबी बहस मैंने की ही नहीं
फ़ालतू अक़्ल मुझ में थी ही नहीं



 



आह जो दिल से निकाली जाएगी
क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी


बस जान गया मैं तिरी पहचान यही है
तू दिल में तो आता है समझ में नहीं आता



 



दुनिया में हूं दुनिया का तलबगार नहीं हूं
बाज़ार से गुज़रा हूं ख़रीदार नहीं हूं


खींचो न कमानों को न तलवार निकालो
जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो



 



हंगामा है क्यूं बरपा थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की है


 


अकबर इलाहाबादी ने सैयद अकबर हुसैन के नाम से 1921   में इलाहाबाद के निकट बारा में एक सम्मानजनक, परिवार में जन्म लिया। उनके पिता का नाम सैयद तफ्फज़ुल हुसैन था। 




जन्म: 16 नवंबर 1846, इलाहाबाद(प्रयागराज)

मृत्यु: 15 फ़रवरी 1921, इलाहाबाद(प्रयागराज)





जन्म नाम: सैयद हुसैन




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