कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने समस्त जिला अधिकारियों से 18 नवम्बर तक स्पष्टीकरण मांगा है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में कलेक्टर ने विकासखंड स्तर पर पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से मुख्यालय में ही रहने के निर्देश दिये थे। इस संबंध में समस्त जिला अधिकारियों से कहा गया था कि वे अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विकासखंड स्तर पर रहना सुनिश्चित करने के उपरांत जांच कर प्रमाणित करें कि उनके अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी मुख्यालय में निवास करते हैं।
कलेक्टर ने बताया कि किसी भी जिला अधिकारी ने आज दिनांक तक प्रमाणित नहीं किया कि उनके अधीनस्थ अधिकारी मुख्यालय में ही रहते हैं अत: समस्त जिला अधिकारियों से कलेक्टर द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया है।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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