कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने मोटर साइकिल से मध्यप्रदेश की यात्रा पर निकले विक्रांत द्विवेदी को शुभकामनाएं दी। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने स्वामी विवेकानंद पार्क से यात्रा का शुभारंभ कर श्री द्विवेदी को रवाना किया। कमिश्नर डॉ. भार्गव स्वयं मोटर साइकिल पर सवार हुए और उन्होंने युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने सेफ ड्राइव सेव लाइफ का संदेश दिया।
कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने इस अवसर पर उपस्थित युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। यदि दृढ़ संकल्प और बुलंद हौसला रखकर कार्य किया जाए तो कामयाबी अवश्य मिलती है। उन्होंने श्री द्विवेदी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के बदले हुए परिवेश में उनके द्वारा बहुत अच्छी पहल की गई है। इससे युवाओं को प्रेरणा लेकर अपना लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 52 जिलों में यह यात्रा जाएगी इससे लोगों को जरूर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिंदगी में हमेशा कुछ ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे जीवन का मकसद कामयाब हो सके। उन्होंने कहा कि अपने इरादों को बुलंद रखते हुए संकल्प शक्ति के साथ आगे बढ़ने से कामयाबी जरूर मिलती है। उन्होंने कहा कि कामयाबी संयोग से नहीं बल्कि पूरी कर्मठता, लगन और मेहनत से ही मिल पाती है। जिस तरह गुलाब विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी मुस्कान को बिखेरता रहता है उसी तरह हमें भी कठिनाइयों से जुझकर अपनी उपलब्धि को हासिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुलाब कांटों की बीच में खिलता है और कांटे कठिनाइयों के प्रतीक होते हैं इसलिए कठिनाइयों और समस्याओं का मुकाबला करते हुए हमें कामयाब होने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी क्षमता का आकलन कर लक्ष्य निर्धारित करें और उसे प्राप्त करने के लिए बेहतर से बेहतर कार्य करने की कोशिश करें। उन्होंने अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि वे अपने बच्चों की क्षमता का आकलन किए बगैर उनके ऊपर अपने सपने न थोपें। बच्चों का स्वभाविक विकास होने दें। बच्चे राष्ट्र के कर्णधार हैं। संसार की सबसे बड़ी दौलत हमारे बच्चे हैं। बच्चों के हाथों में आसमान को छूने की ताकत है। बच्चे हमारे देश की प्राण शक्ति हैं, उन्हें सकारात्मक माहौल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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