व्हालीबाल प्रतियोगिता का समापन 

 


 

    विदिशा जिले के शमशाबाद में 13 से 17 नवम्बर तक 65वीं राष्ट्रीय शालेय व्हालीबाल अण्डर 19 प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। 
    प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने उक्त आयोजन को खेलो के दृष्टिकोण से अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि छोटे से शहर में समूचा भारत परलिक्षित हुआ है। सभी राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के खिलाड़ियों ने अपने-अपने खेलों के हुनर से शमशाबादवासियों का दिल जीता है वही वे यहां से अस्मरणीय यादगारों को सजोए रखेंगे। बच्चों, नागरिकों के लिए व्हालीबाल के क्षेत्र में उभरती प्रतिभाओं के खेलों का आनंद लेने का अवसर प्राप्त हुआ है। 
    स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने प्रदेश में शासकीय स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ खेलों की गतिविधियों को बढावा देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की ऐसी प्रतिभाएं जो खेलो के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रही है उन्हें प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर सुगमता से मंच प्राप्त हो सकें इसके लिए बकायदा उन्हें प्रशिक्षण की सुविधाएं संभाग एवं जिलो पर मुहैया कराई जा रही है। 
    डॉक्टर चौधरी ने कहा कि खेल हमारे लिए अतिआवश्यक है। जहां खेलों के माध्यम से शारीरिक कसरत होती है जो हमें स्वस्थ जीवन के लिए अतिआवश्यक है वही खेलों के द्वारा हमें अनुशासित रहने की सीख भी मिलती है।
    स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ चौधरी ने फायनल मैच की टीमों के खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और उनके खेल हुनर को देखा ही नही बल्कि उन्हें पुरस्कृत भी किया है। उन्होंने खेल भावना से अपने जीवन में आए बदलाव की सीख खिलाड़ियों को दी है।     
    65वी राष्ट्रीय शालेय व्हालीबाल प्रतियोगिता का फायनल मैच उत्तरप्रदेश और केरल के मध्य खेला गया था जिसमें उत्तरप्रदेश ने केरल को 3-0 से हराकर विजेता होने का गौरव हासिल किया है वही प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान केरल राज्य ने तृतीय स्थान तमिलनाडू राज्य ने और चतुर्थ स्थान आंध्रप्रदेश ने हासिल किया है। प्रतियोगिता के खिलाड़ियों, कोच, मैनेजर को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री डॉ चौधरी के द्वारा पुरस्कृत किए गए है। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री एसपी त्रिपाठी के अलावा स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी तथा गणमान्य नागरिक मौजूद थे। 



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