देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री प्रियदर्शनी स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गाँधी के जन्म-दिवस 19 नवम्बर को प्रदेश की समस्त महाविद्यालयीन छात्राओं के लिये निरूशुल्क ड्रायविंग लायसेंस योजना प्रारंभ की जाएगी। परिवहन एवं राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने वचन-पत्र में महिला सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की है। महाविद्यालयीन छात्राओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस प्रदान करने की योजना लागू करने का निर्णय इसी दिशा में उल्लेखनीय पहल है।
परिवहन मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि राज्य शासन अपने वचन-पत्र को पूरा करने के लिये दृढ़-संकल्पित है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं 19 नवम्बर को भोपाल स्थित शासकीय नूतन कन्या महाविद्यालय में छात्राओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस प्रदान कर योजना का शुभारंभ करेंगे। श्री राजपूत ने बताया कि इस दिन प्रदेश में चयनित कन्या महाविद्यालयों में शिविर आयोजित कर छात्राओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस वितरित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्षभर निश्चित अंतराल में सभी कन्या महाविद्यालयों में नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस वितरण शिविर आयोजित किए जाएंगे।
परिवहन मंत्री ने समस्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिला स्तर पर स्थानीय विधायक, जन-प्रतिनिधियों तथा कलेक्टर के माध्यम से ड्रायविंग लायसेंस का वितरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अगले चरण में प्रदेश के सभी तहसील मुख्यालयों पर जिले के प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में निश्चित अंतराल पर पूरे वर्ष शिविर लगाये जाएंगे। मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि परिवहन नियम आमजन के जीवन की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से दुर्घटना से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि चालानी कार्रवाई के नियम लागू करने का उद्देश्य धनोपार्जन नहीं बल्कि लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक कर उनका जीवन सुरक्षित करना है।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
Comments
Post a Comment