प्रशासक वन स्टॉप सेंटर (सखी) जिला बुरहानपुर द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार परिवर्तित नाम शारदा उम्र 30 वर्ष निवासी इच्छापुर को कार्यालय वन स्टॉप सेंटर आश्रय के लिए लाया था। वह अपने पति के साथ नही जाना चाहती थी। उसके द्वारा बताया गया कि उसके विवाह को 14 वर्ष हो गये है। उसके दो बेटे है, पति द्वारा मारपीट की जाती थी। इसलिए वह पति के घर नहीं जाना चाहती थी।
वन स्टॉप सेंटर द्वारा उसकी परेशानी को समझते हुए पति को बुलाकर प्रशासक रेखा भोंडवे एवं काउन्सलर मृदुला कोठारी द्वारा तीन दिवस काउंसलिंग की गई। पति को समझाईश दी गई कि वह अपनी पत्नि का सम्मान करें तथा अच्छा व्यवहार करें साथ ही आवेदिका को भी समझाया गया कि वह भी अपने पति को भोजन बनाकर दे तथा सम्मान करें। अपने बच्चों का भविष्य अच्छा बनाये। पति द्वारा पत्नि से माफी मांगी गई एवं पति द्वारा कहा गया कि मैं अब अपनी पत्नि को बिल्कुल भी परेशान नहीं करूंगा। आवेदिका द्वारा कहा गया कि मैं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दूंगी। आवेदिका के दोनो बेटे अपनी माँ अपने साथ पाकर बहुत ही खुश हुए। अपने घर को टूटने से बचाने के लिए आवेदिका के पति ने वन स्टॉप सेंटर का आभार व्यक्त किया।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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