मध्यप्रदेश सरकार की इंदिरा गाँधी गृह ज्योति योजना घरों को रोशन कर ही रही है, नागरिकों की जेब को राहत दे रही है। तुलसी नगर अर्चना कॉम्प्लेक्स के सामने 308 नंबर झुग्गी में रहने वाले श्री कमलेश सिंह पुत्र श्री दूधनाथ सिंह सस्ती बिजली से घर रोशन कर बेहद प्रसन्न हैं।
श्री कमलेश बताते हैं कि वे संयुक्त परिवार में रहते है वे स्वयं तथा उनके बड़े भाई प्रायवेट जॉब कर बमुश्किल परिवार की गुजर-बसर कर रहे हैं । वे कहते है कि परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण प्रतिमाह बिजली का बिल 800 से 1000 रूपए भुगतान करना बहुत ही मुश्किल होता था।
किन्तु इंदिरा गाँधी गृह ज्योति योजना से उन्हें काफी सहारा मिला है, उनका कहना है कि हर माह आठ सौ-हजार रूपए बिल की रहने वाली चिंता मध्यप्रदेश सरकार ने खत्म कर दी है, अब 100 यूनिट तक 100 रूपए और बाकी की खपत पर दूसरे रेट से भी उनका बिल 300 रूपए से ज्यादा नहीं आता है। अब उन्हें किसी से उधार लेने और बिजली बिल जमा नहीं करने पर कनेक्शन काटने की चिंता भी नहीं है। श्री कमलेश कहते हैं कि यह हमारे परिवार के लिए सरकार की बहुत बड़ी राहत है। वे इस लाभकारी योजना के लिए मध्यप्रदेश सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देते है।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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