72वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा, ईटखेड़ी भोपाल (22 से 25 नवंबर 2019)















देश में यह इज्तिमा सिर्फ भोपाल में ही होता है। इसके अलावा पाकिस्तान के रायविंड और बांग्लादेश के टोंगी में इस तरह का आयोजन किया जाता है। भोपाल का आयोजन दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे पुराना है।










(भोपाल से 15 किलोमीटर दूर स्थित है ईंटखेड़ी, यहां होगा 22नवंबर से चार दिन का दिनी आलमी तब्लीगी इज्तिमा।)




 

भोपाल। नवाबों के दौर से शुरू हुआ इज्तिमा अब दुनियाभर की पहचान बन गया है। दुनिया के पांच बड़े इस्लामिक आयोजन में से एक आलमी तब्लीगी इज्तिमा पहली बार 1944 में भोपाल के ही 14 लोगों के साथ शुरू हुआ था। यह कारवां अब साल-दर-साल आगे बढ़ा और दुनियाभर के लोगों की आस्था का केंद्र बन गया। आस्था का आलम ये है कि इस बार 28 नवम्बर से शुरू हो रहे चार दिन का दिनी आयोजन में करीब 15 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है।

 

 

देश में ये इज्तिमा सिर्फ भोपाल में ही होता है। इसके अलावा पाकिस्तान के रायविंड और बांग्लादेश के टोंगी में इस तरह का आयोजन किया जाता है। भोपाल का आयोजन दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे पुराना है।






 


भोपाल। 72वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा इस बार कई मायनों में अनूठा होगा। पहले की तुलना में व्यवस्थाओं में व्यापक परिवर्तन किया गया है। 22 से 25 नवंबर तक होने वाले इज्तिमा की थीम 'क्लीन इज्तिमा-ग्रीन और प्रदूषण मुक्त इज्तिमा' है। इसे मूर्तरूप देने बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों की टीमें यहां दिन-रात जुटी हैं।



यहां आगंतुकों की सुविधा के लिए 42 स्थानों पर कुल 223 एकड़ में पार्किंग होगी। फूड जोन में 70 दुकानें होंगी। इसकी विशेषता यह है कि विभिन्न राज्यों के पकवानों का जायका आप यहां ले सकेंगे। आयोजन स्थल पर दस बिस्तरों का एक अस्पताल रहेगा, जिसमें पैथोलॉजी लैब भी होगी। चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे से निगाह रखी जाएगी।


जल गुणवत्ता परीक्षण के साथ ही चल रहा है क्लोरिनेशन का काम
इज्तिमा इंतजामिया कमेटी के अतीक उल इस्लाम का कहना है कि मुख्य पंडाल में टेंट लगाने और फूड जोन में दुकानों के काम छोड़कर ज्यादातर काम अब अंतिम दौर में है। इज्तिमा स्थल पर सरकारी महकमों के अमले के साथ ही स्वंयसेवक भी बड़ी संख्या में हाथ बंटा रहे हैं।


अभी यहां मिट्टी को समतलीकरण करने का काम चल रहा है। परंपरागत मार्गों को भी सुधारा जा रहा हैं। जगह-जगह पीने के पानी की खातिर हैंडपंप और ट्यूबवेल का खनन किया गया है। जल गुणवत्ता परीक्षण एवं क्लोरिनेशन का काम सरकारी अमला कर रहा है। पीने के पानी और सीवरेज नेटवर्क की लाइन बिछाने का काफी काम हो गया है।


350 एकड़ में आयोजन स्थल, 54 देशों से जमातें आएंगी



  • 70 दुकानें होंगी दो फूड जोन में

  • 10 बिस्तरों का अस्पताल भी होगा

  • 22 ट्रेनों में 2-2 अतिरिक्त कोच जोड़ेंगे

  • 50 हैंडपंप का खनन पीने के पानी के लिए

  • 25 स्थानों पर लैंडलाइन-इंटरनेट सुविधा

  • मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध कराने यहां टॉवर लगाने का काम किया जा रहा है। एसटीडी-आईएसडी के तीन पीसीओ, 25 स्थानों पर लैंडलाइन एवं इंटरनेट सुविधा मिलेगी।



आयोजन स्थल पर बनाए हैं दो हजार से ज्यादा वुजूखाने


आज श्रमदान करेंगे स्वयंसेवक रविवार को इज्तिमा स्थल ईंटखेड़ी (घासीपुरा) में श्रमदान करने बड़ी संख्या में समाज के लोग पहुंचेंगे। सबकी कोशिश यही है कि कोई कसर न छूट जाए।



वेस्ट वाटर निकालने के लिए वी-शेप ड्रेन
70 फूड जोनों का वेस्ट वाटर निकालने के लिए व्हीशेप ड्रेन 1200 मीटर का अस्थाई निर्माण पूरा होने को है। जल प्रदाय एवं मल जल निकासी को 9 जोन में बांटा गया है।


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