यूनियन कार्बाइड हादसा प्रकृति और मानव के खिलाफ हिंसा का प्रतीक

भोपाल। यूनियन कार्बाइड कारखाने से लीक हुई गैस के कारण बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। एक ओर हजारों लोग मारे गए और लाखों लोगों पर इसका असर हुआ, तो दूसरी ओर प्रकृति का बड़े पैमाने पर विनाश हुआ। यूनियन कार्बाइड हादसा प्रकृति और मानव के खिलाफ हिंसा का प्रतीक है। लालच और पूंजीवादी विकास के मॉडल में अहिंसा के लिए जगह नहीं होती। प्रकृति और मानव का शोषण करके कुछ लोग पूंजी बनाते हैं, तो समाज में संघर्ष बढ़ता है। यह न्याय आधारित व्यवस्था नहीं है। हमें ऐसी व्यवस्था और ऐसे विकास के मॉडल के विपरीत गांधीवादी विचारों पर आधारित व्यवस्था और गांधीवादी विकास के मॉडल को अपनाना होगा, जिसमें सबके हित और न्याय की बात हो।


उक्त बातें आज विश्व शांति एवं न्याय के अभियान पर निकले ''जय जगत 2020'' यात्रा की अगुवाई कर रहे एकता परिषद के संस्थापक प्रसिद्ध गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. ने 35 साल पहले हुए भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कही। यात्रा के दौरान आज ''जय जगत 2020'' में शामिल शांति दूतों ने यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के सामने स्थित भोपाल गैस त्रासदी स्मृति मूर्ति के पास इकट्ठा हुए थे। श्रद्धांजलि सभा में गैस पीड़ितों के लिए संघर्षरत् साथी अब्दुल जब्बार को भी याद किया गया। राजगोपाल ने कहा कि अब्दुल जब्बार ने गैस पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ-साथ पर्यावरण और समाज बचाने के लिए विकास के मौजूदा मॉडल को चुनौती भी दिया। वे इस तरह के विकास के खिलाफ थे, जिसमें शोषण और अन्याय हो। यात्रा में शहर के गणमान्य नागरिकों और जन प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की।


जय जगत के शांति दूतों ने आज हैनिमन होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में बा-बापू की स्मृति में आयोजित गांधी समारोह में भी शिरकत की। कल 27 नवंबर को करोंद से गांधी भवन के लिए प्रदेश भर से आए सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ताटों के साथ शांति दूत पद यात्रा निकालेंगे। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने बताया कि 2 अक्टूबर को दिल्ली के राजघाट से शुरू हुई ''जय जगत 2020'' यात्रा हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई स्थानों से होते हुए 1000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर भोपाल में है।
अनीष ने बताया कि 28 नवंबर को शाम 4 बजे गांधी भवन में बा-बापू जन उत्सव का उद्घाटन किया जाएगा, जो 1 दिसंबर तक सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक चलेगा। इसमें ग्रामीण उत्पाद, जैविक उत्पाद, खादी उत्पाद और गांधीवाद से जुड़े पुस्तकों के स्टॉल लगाए जाएंगे। इस दौरान सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाएगी। 30 नवंबर और 1 दिसंबर को गांधी भवन में दो दिवसीय युवा सम्मेलन किया जाएगा। इसमें युवा और युवाओं के नेतृत्वकर्ता शामिल होंगे, जो जय जगत के चार स्तंभों - गरीबी खत्म करने, सामाजिक बहिष्कार का उन्मूलन, जलवायु संकट पर सक्रियता और संघर्षों एवं हिंसा को खत्म करने पर चर्चा करेंगे। 2 अक्टूबर को यात्रा भोपाल से आगे बंगरसिया के लिए रवाना हो जाएगी।


उल्लेखनीय है कि वैश्विक शांति एवं न्याय के लिए महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर से दिल्ली के राजघाट से ''जय जगत 2020'' शुरू की गई है। यात्रा में फ्रांस, न्यूजीलैंड, केन्या, बेल्जियम और स्वीट्जरलैंड सहित 15 देशों के शांति दूत भी शामिल हैं। भारत के बाद यह यात्रा 10 देशों से होते हुए अगले साल 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय जिनेवा पहुंचेंगी, जहां शांति एवं न्याय के लिए समर्पित हजारों लोगों का समागम होगा। भारत में यात्रा 30 जनवरी 2020 को सेवा ग्राम, वर्धा, महाराष्ट्र स्थित गांधी आश्रम पहुंचेगी, जहां बा-बापू की 150वीं एवं आचार्य विनोबा भावे की 125वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में शांति महासभा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद यात्रा अन्य देशों के लिए रवाना हो जाएगी।


भवदीय
अनीष कुमार - 9755988707
राष्ट्रीय संयोजक, एकता परिषद


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