लाल बहादुर शास्त्री रियल हीरो ऑफ़ इंडिया

 



प्रेस रिव्यू


लालबहादुर शास्त्री वो जिसने जय जवान जय किसान का नारा दिया और देश को कृषि उत्पादन की दिशा दी। भारतीय किसानों को सम्मान देते हुए जय जवान जय किसान का नारा दिया। 2 अक्टूबर,1904 को मुगलसराय,उत्तरप्रदेश में इनका जनम हुआ। ये घर में सबसे छोटे बेटे थे। इन की परवरिश इनकी माँ और इनके मौसा ने की। काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि मिलते ही इन्होने अपना जाति का नाम श्रीवात्सव से हटा कर शास्त्री कर लिया।


शास्त्री जी गांधीजी को अपना गुरु मानते थे। गाँधी जी के साथ असहयोग आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए इन्हे सात सालों की सजा हुई। इन्होने गाँधी जी के साथ कई आंदोलन किये। देश आजाद होने के बाद इन्होने कई मंत्रालयों में अलग अलग विभागों में काम किया। पुलिस मंत्री होने पर पहलीबार लाठीचार्ज की जगह पानी की तेज फुहारों का प्रयोग शुरू कराया । नेहरू जी के निधन के बाद जून 1964 में देश के प्रधानमंत्री बने।


इनके कार्यकाल में दो युद्धों का सामना देश ने किया । 1962 में चीन से युद्ध करके देश आर्थिक रूप से कमजोर हो गया था और साथ ही देश में भयंकर सूखा पड़ा था जिसके कारण देश में अन्न की कमी हो गयी और अन्न की कीमतें आसमान छूने लगी। अमेरिका से जो लाल गेंहू आता था वो भी जब बंद हुआ तो इन्होने लोगों को सप्ताह में एक दिन का उपवास करने को कहा और साथ ही कृषि उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। उनकी नीतियों के कारण देश में रिकॉर्ड तोड़ फसलों का उत्पादन हुआ। जिसके बाद देश अन्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना।


भारत पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध के बाद तत्कालीन सोबियत संघ के ताशकंद में दोनों देशो के बीच 1966 में शांति समझौता हुआ उसके बाद शास्त्री जी को दिल का दौरा पड़ा और इनका निधन हो गया पर इनके निधन का राज आज भी बना हुआ है क्योकि जब इनका निधन हुआ तो उसके बाद शव का पोस्टमार्टम न तो सोबियत सघ में हुआ न भारत में हुआ । इनका शरीर नीला पड़ गया था जैसे की जहर दिया गया हो । ये सवाल आज भी है कि इनका निधन कैसे हुआ दिल का दौरा पड़ने से या जहर देने से या शांति समझौते के सदमे से । 


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