हौसलों की कई कहानियां आपने देखी और सुनी होगी लेकिन भोपाल की रहने वाली लक्ष्मी की कहानी संघर्ष की ऐसी दास्तां है, जिसे देखकर हर कोई उनके हौसले की दाद दे रहा है. हम बात कर रहे हैं भोपाल की पहली महिला कुली लक्ष्मी की जिसने अपने परिवार का पेट पालने और बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए दूसरों का बोझ उठाने वाले कुली का पेशा चुना, जिसपर आमतौर पर पुरुषों का वर्चस्व रहता है. दरअसल, लक्ष्मी की शादी भोपाल रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुली राकेश से हुई थी. पति की मौत के बाद लक्ष्मी को रेलवे अधिकारियों ने नियमानुसार कुली की नौकरी दी. जहां लक्ष्मी की पहचान बना बिल्ला नंबर 13. इसी बिल्ला नंबर 13 को पहनकर लक्ष्मी भोपाल रेलवे स्टेशन पर रोजाना नाइट शिफ्ट करती है. कुली का काम करने से होने वाली कमाई से लक्ष्मी अपने घर का खर्चा भी चलाती है और बच्चों की शिक्षा से लेकर उनकी परवरिश भी करती है. हालांकि लक्ष्मी को इस बात का मलाल है कि उसकी कमाई इतनी नहीं है कि वो अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिला सके. हालांकि उसका कहना है कि सरकारी स्कूल में भी अच्छी शिक्षा आजकल मिलने लगी है तो उसको इस बात का भरोसा है कि उसके बच्चे...