हर मिनट एक ट्रक प्लास्टिक समुद्र में फेंक दिया जाता है: यूएनईपी

यूएन : संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने कहा है कि हर साल लगभग 80 लाख टन प्लास्टिक कूडा-कचरा समुद्रों में फेंका जाता है। इसका मतलब इस तरह भी समझा जा सकता है कि एक बड़े ट्रक में समाने वाले कूड़े-कचरे के बराबर ये हर मिनट समुद्र में फेंका जाता है।


समुद्री किनारों, उनकी सतहों और जमीन पर जो कूड़ा-कचरा इकट्ठा होता है उसमें से 60 से 90 फीसदी हिस्सा प्लास्टिक से बना हुआ होता है। इस कूड़े-कचरे में सबसे आम चीजें होती हैं सिगरेट के अधजले हिस्से, बैग, और खाने-पीने की चाजों के इस्तेमाल होने वाले डिब्बे। इसके परिणामस्वरूप समुद्री कूड़ा-कचरा वहां जीवित रहने वाली 800 से भी ज्यादा प्रजातियों के लिए खतरा पैदा करता है। इनमें से 15 प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं।


ध्यान रखने की बात है कि जब जल में रहने वाली प्रजातियों के भीतर प्लास्टिक पहुंचता है तो वो अंततः मछलियों के सेवन से इंसानों के शरीर में भी पहुंच जाता है। पिछले 20 वर्षों के दौरान तो प्लास्टिक के बारीक कणों और सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को फेंके जाने से ये समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो गई है।


ज्यादातर लोग समुद्रों में प्लास्टिक से पैदा होने वाले प्रदूषण को इससे जोड़ते हैं कि समुद्रों के तटों पर किस तरह का कूड़ा-कचरा डाला जाता है और समुद्री सतहों पर क्या तैरता है। लेकिन ये तो स्पष्ट है कि प्लास्टिक के बारीक कण बहुत बड़ा खतरा पैदा करते हैं क्योंकि वो नजर नहीं आते हैं, इसलिए उनकी तरफ किसी का ध्यान भी नहीं जाता है।


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