कलेक्टर श्री तरुण पिथोड़े ने डेंगू से बचाव के लिये चल रही कार्यवाही में गंभीरता के साथ काम करने के निर्देश दिए है । अपर कलेक्टरों को निर्देश दिए गए है कि उनके क्षेत्रों में घरो में डेंगू लार्वा के निरीक्षण और जाँच की कार्यवाही के बाद दलों को घरों पर नम्बर लिखने को भी कहा जायें।
कलेक्टर श्री पिथोड़े ने सभी 26 जोनल प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिये है कि प्रत्येक जोन में चल रही कार्यवाही की अघतन रिपोर्ट दे। प्रतिदिन कितने घरों में मार्किंग की गई है उसकी रिपोर्ट एडीएम को भेंजे और किसी घर मे लार्वा पाए जाने पर उसके समाधान के लिए की गई कार्यवाही का विवरण भी उपलब्ध कराए। इसके साथ ही डेंगू के मरीज मिलने पर उसका रक्त परीक्षण कराये उसके परिवार और आस-पास के क्षेत्रों पर निगाह रखें। परिवार के सदस्यों को सचेत करें और मच्छरदानी में सोए, बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं और घरों में नीम आदि का धुआं भी करे । नगर निगम की टीम लगातार ऐसी जगहों पर दवा का छिड़काव कराये, एन्टी मच्छर फोगिग कराये।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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