चिड़ियाघर के बाड़े में कूदे युवक को शेर ने नहीं बनाया निवाला

शेर के बाड़े में कूदने की घटना चिड़ियाघर के कर्मचारियों में चर्चा का विषय बन गई है। हर किसी का कहना है कि रेहान की किस्मत अच्छी थी कि वह मौत के मुंह से बच निकला।


बचाव दल के एक कर्मचारी ने बताया कि 17 नंबर बाड़े में हर रोज शेर सुंदरम के लिए भोजन रखा जाता है। शाम करीब 4 से 5 बजे के आसपास उसे खाना दिया जाता है और कुछ भोजन सुबह के लिए उसके बाड़े में रख दिया जाता है। सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच शेर के टहलने के लिए बाड़े में मौजूद उसके पिंजरे को खोला जाता है। सुबह का खाना इसलिए रख देते हैं ताकि शेर को भूख लगे तो मांसाहारी भोजन उसे समय पर मिल सके। 


कर्मचारियों का कहना था कि बृहस्पतिवार को शेर सुंदरम ने सुबह का भोजन कर लिया था। उसका पेट भरा हुआ था और वह बाड़े में टहल रहा था। कर्मचारियों की मानें तो शेर को जब भूख नहीं होती है तो वह अपना शिकार ऐसे ही छोड़ देता है जैसा कि उसने रेहान के साथ किया। शेर भूखा होता तो इतने करीब होने के बाद शिकार के सही सलामत बचने की कोई गुंजाइश नहीं होती है।


चिड़ियाघर में शेर के बाड़े में घुसे रेहान को पता चला कि सुरक्षाकर्मी उसे बचाने आ रहे है तो उसने कहा कि मुझे मत बचाना मैं मरने आया हूं। बचाव दल ने उसे बाड़े से बाहर निकलने के लिए सीढ़ी भी दी, लेकिन वह किसी बात को मानने के लिए तैयार नहीं था। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने शेर का ध्यान भटकाकर बाड़े के दूसरे हिस्से में किया और फिर जाकर उसकी जान बचाई जा सकी।


क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) के ही एक सदस्य ने बताया कि शेर को बेहोश करने के बाद जब टीम रेहान को बाहर निकालने का प्रयास कर रही थी तो वह भागकर झाड़ी और पेड़ों के पीछे छिपने की कोशिश कर रहा था। बाड़े से बाहर निकालने के लिए कर्मचारियों ने उसकी ओर रस्सी भी फेंकी, लेकिन उसने रस्सी को पकड़ने की जरूरत ही नहीं समझी। यह देख कर्मचारी भी चकरा गए। 

इसी बीच कुछ कर्मचारी बाड़े में कूदे और रेहान को पकड़ने लगे तो वह उनसे बचने के लिए पेड़ों के पीछे जाकर छिपने लगा। दर्शक विकास यादव ने बताया कि रेहान की हरकतों से ही उसके मानसिक स्तर का पता चल रहा था। वह जब बाड़े में कूद रहा था तो गार्ड शत्रुघ्न ने उसे रोका भी था, लेकिन वह नहीं माना।

यूं घुसा बाड़े में
पुलिस के अनुसार बाड़े की एक तरफ लोहे की ग्रिल थी वहीं, दूसरी साइड में बांस की लकड़ी का बाड़ा बनाया हुआ था। रेहान बांस की लकड़ी के बाड़े पर चढ़ गया था और फिर अंदर की ओर कूद गया। पुलिस और चिड़ियाघर प्रबंधन को बाड़े के बाहर लकड़ी की बल्ली टूटी मिली है। बताया जा रहा है कि बल्ली के टूटे होने का कारण पता लगाया जा रहा है कि आखिर इसे रेहान ने तोड़ या फिर बल्ली कमजोर थी, जो उसके भार से टूट गई।

5 साल पहले बाघ विजय ने युवक को मार डाला था
चिड़ियाघर में घुसकर शेर के बाड़े में कूद जाने की घटना ने चिड़ियाघर प्रबंधन पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा से जुड़ी इस तरह की लापरवाही पर फिलहाल प्रबंधन खामोश हैं। 

इससे पहले भी दिल्ली चिड़ियाघर में ऐसी घटना देखने को मिल चुकी है। शेर के बाड़े में रेहान के कूदने और वहां से बच निकलने की घटना के बाद हर किसी के जेहन में पांच साल पहले घटी घटना ताजा हो गई। सितंबर 2014 में विजय नामक सफेद बाघ एक युवक को गर्दन से खींचते हुए अपने बाड़े में ले गया था और फिर उसको मार दिया था। उस वक्त भी युवक को बचाने के लिए दर्शक चीखते रह गए। 

उन्हीं में से कुछ ने फोन पर वीडियो बनाई थी जो सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हुई थी। वीडियो में युवक हाथ जोड़ता हुआ बाघ के सामने बैठा था। उस घटना में युवक की जान चली गई थी। बाद में पुलिस ने उसकी पहचान मकसूद के रूप में सार्वजनिक की थी। मकसूद चिडिय़ाघर घूमने आया था और बाघ को पत्थर मार रहा था।

फतेह सिंह को कर दिया घायल
कुछ ही समय पहले चिड़ियाघर कर्मचारी फतेह सिंह भी बंगाल टाइगर के हमले के शिकार हुए थे। हालांकि टाइगर के बीमार होने के कारण उनका बचाव हो गया। वह बंगाल टाइगर के बाड़े में पानी रख रहे थे। इसी बीच उसने हमला कर दिया। इस घटना में फतेह सिंह का एक हाथ लहुलूहान हो गया था।


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