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भारतीय मुसलमानों द्वारा बनाई गयी ये इमारतें अमर हैं

हिन्दुस्तान: हमेशा से विशाल और अनैक धर्मो की एकता के लिए विश्व में प्रसिद्ध है| आज भी यहाँ कई ऐसी इमारते और स्मारक मौजूद है जो की भारत के गौरवशाली इतिहास की कहानियों को बयां करती है| भारत हमेशा से ही अपनी ऐतिहासिक इमारतों को लेकर विश्व में मशहूर है जिसकी वजह से आये दिन हज़ारों विदेशी यात्री और पर्यटक भारत घूमने आते हैं| यह इमारतें कोई और नहीं बल्कि मुस्लिम राजाओं द्वारा बनवाई गयी थी जिनको आज तक ना तो कोई नक़ल कर सका है और शायद आगे भी नहीं हो पायेगी| हम बात कर रहे हैं ऐसी ही कुछ इमारतों की जिन्हें दुनियां के कई देशो में दोबारा बनाने की कोशिश तो की गई लेकिन वह सफल नहीं हो पाये।


भारत की 10 सबसे मशहूर इमारतें और स्मारक जिनको मुसलमानों द्वारा बनवाया गया-



ताज महल: यह दुनिया की वो इमारत है जिसको दुनिया के साथ अजूबों में शामिल किया है| पूरी दुनियां इसको मोहब्बत की निशानी के नाम से जानती है क्यूंकि इसको मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ की याद में बन बाया था| बता दें कि ताजमहल के अन्दर बादशाह शाहजहाँ और मुमताज़ का मकबरा है जो ताजमहल का मुख्य आकषण है|


 



लाल किला: लाल किला प्रसिद्ध किले 'ए' मोअल्ला का नया नाम है जो शाहजानाबाद का केंद्र बिंदु होने के साथ उस समय की राजधानी भी था| लाल किले को 17 वीं सदी के दौरान स्थापित किया गया था| बता दें कि इस किले का निर्माण उस्ताद अहमद द्वारा 1639 में शुरू हुआ जो 1648 तक जारी रहा|यह किला दुनियां के विशाल महलो में से एक है जो 2.41 किलोमीटर में फैला हुआ है| वहीँ इस किले में दो मुख्य द्वार है जिन को लाहौर गेट और दिल्ली गेट कहा जाता है जिसे उस्ताद अहमद के शाही परिवार के लिए बनवाया गया था



क़ुतुब मीनार: दिल्ली के क़ुतुब परिसर में मौजूद यह सबसे प्रसिद्ध संरचना है| इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में यह देश की सबसे ऊंची मीनार है| जानकारी के लिए बता दें कि इस की ऊंचाई 72.5 मीटर है| इसे 1193 से 1368 के बीच में क़ुतुब-अल-दीन ऐबक ने एक विजय स्तंभ के रूप में बन बया था जो आज भी भारत की एक देखने वाली संरचना है।


 



चार मीनार : यह इमारत हैदराबाद की खास पहचान मानी जाती है जिसको मोहम्मद क़ुतुब शाही द्वारा 1591 में बनवाया था| जिस के नाम से साफ जाहिर होता है की इस इमारत में चार टावर है| यह भब्य ईमारत प्राचीन काल की वास्तुशिल्प का बेहतरीन नमूना माना जाता है| आपको बता दें कि इस टावर में चार चमक-धमक वाली मीनारे है जो चार मेहराब से जुडी हुई है जो मीनार को सहारा देती है| बता दें कि जब क़ुतुब शाही ने गोलकुंडा के स्थान को अपनी नई राजधानी बनाया था यह उस वक़्त बनवाई गयी थी और यह वाकई में आज भी काबिले तारीफ है।


 



बड़ा इमाम बाड़ा : लखनऊ मे गोमती नदी के किनारे पर बना यह बड़ा इमाम बाड़ा नवाब आसफुद्दोला द्वारा बनवाया गया था| बता दें कि इस इमारत को बनाने मे कोई धातु या लोहे का इस्तेमाल नहीं हुआ और न ही किसी खम्बे का इस्तेमाल किया गया लेकिन इसके बावजूद भी यह इमारत 50 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा हॉल है इसे सिर्फ ईटो से बनाकर निर्माण किया गया था| आपको बता दें कि इसकी उचाई 15 मीटर है और लगभग 20,000 टन बजनी छत बिना किसी बीम के सहारे मजबूती से टिकी हुई है|बता दें कि इसको देखकर दुनिया के बड़े बड़े इंजीनियर भी सोचते रह जाते है आखिर ये कैसे संभव है| इस इमारत को खाद्य पद्धार्तो से मिलकर बनाया गया है और इसकी दीवारे उडद की दाल चुने आदि का मिश्रण से तैयार किया गया है|



जामा मस्जिद : यह दुनिया की सबसे प्रसिद्ध और विशाल मस्जिदों में से एक है| यह दिल्ली में स्थित है जिसमे एक बार में 25,000 से ज्यादा लोग समा सकते हैं| इसको मुग़ल शासक शाह जहाँ द्वारा 1644 में बनवाया गया था जिसने ताज महल और लाल किला जैसी प्रसिद्ध इमारतों का निर्माण किया था| इस मस्जिद में तीन मुख्य द्वार, चार टावर और दो 40 मीटर विशाल मीनारें मौजूद हैं| जिसको लाल पत्थर और सफ़ेद संग्गेमर्मर से बनवाया गया था|


 



हुमायूँ का मकबरा : यह दुनिया भर में मुग़ल शासक हुमायूँ की आखरी मंज़िल के नाम से भी जानी जाती है क्यूंकि इसके अंदर हुमायूं का मकबरा मौजूद है| यह दिल्ली में स्थित है और मुग़ल शासन काल द्वारा बनाई गयी इमारतों में से एक है| इसे मुग़ल शासकों द्वारा बनवाई गयी पहेली इमारत के लिए भी मशहूर है जिससे प्रेरित हो कर शाह जहाँ ने ताज महल बनवाया था|


 



ताज-उल-मसाजिद : यह एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाती है जो मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है| इस मस्जिद का काम मुग़ल शासक भहदुर शाह ज़फर ने अपनी बेगम के नाम पर 1844–1860 में शुरू किया था जिसको बाद में उनकी बेटी सुलतान जहाँ बेगम ने पूरा किया था| बता दें कि यह विशाल मस्जिद का निर्माण पैसों की कमी की वजह से रुक गया था जिसे बाद में बहादुर शाह ज़फर की बेटी ने पूरा करवाया था|


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