मध्यप्रदेश में बिजली कटौती 2025: कब, क्यों और क्या हल है?
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गर्मी का मौसम आते ही मध्यप्रदेश के कई जिलों में बिजली कटौती एक आम समस्या बन चुकी है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में दिन में 6-8 घंटे की लोड शेडिंग आम हो गई है। लोग परेशान हैं, व्यापारी नाराज हैं, और छात्र परीक्षा की तैयारी तक नहीं कर पा रहे।
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किन जिलों में सबसे ज्यादा बिजली कटौती?
भोपाल: सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक कटौती
इंदौर: औद्योगिक क्षेत्रों में रात की शिफ्ट में परेशानी
रायसेन और विदिशा: ग्रामीण क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित
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बिजली कटौती के पीछे कारण क्या हैं?
1. बढ़ता तापमान और बिजली की मांग
2. पुराने ट्रांसफॉर्मर और लोड बैलेंसिंग की समस्या
3. कोयले की सप्लाई में रुकावट
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सरकार का क्या कहना है?
ऊर्जा विभाग का कहना है कि मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है और इमरजेंसी प्लानिंग की जा रही है। अगले 15 दिनों में 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किया जाएगा।
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जनता क्या कर सकती है?
जरूरी उपकरणों के लिए इन्वर्टर और सोलर विकल्प अपनाएं
शाम के समय बिजली की खपत को सीमित रखें
बिजली विभाग के ऐप या वेबसाइट से शिकायत दर्ज करें
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अगर आपके इलाके में भी बिजली समस्या है, तो नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं।
भोपाल में लोन ऐप के झांसे में फंसे एक शख्स ने अपने पूरे परिवार सहित खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने वाले पति-पत्नी ने अपने बच्चों को जहर पिलाकर खुद फांसी लगा ली। भोपाल: कर्ज के दुष्चक्र में फंसे परिवार ने की आत्महत्या, बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां कर्ज के दुष्चक्र में फंसे एक पति-पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले अपने बच्चों को जहर दिया और इसके बाद खुद फांसी लगा ली। परिवार के इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे की वजह कर्ज बताया जा रहा है। मामला भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके का है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे के मुताबिक पहले 8 साल और 3 साल के बच्चों को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार मृतक निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन कुछ नुकसान होने के चलत...
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