ईरान-इज़राइल संघर्ष 2025: तेहरान पर इज़राइली हवाई हमले, परमाणु ठिकाने तबाह

 ईरान-इज़राइल संघर्ष 2025: तेहरान पर इज़राइली हवाई हमले, परमाणु ठिकाने तबाह


लेखक: इरफ़ान अली, न्यूज़ 20 प्लस

तारीख: 21 जून 2025





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🔥 युद्ध की आंच बढ़ी, इज़राइल का सीधा हमला तेहरान पर


मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की लपटों में घिर गया है। 20 जून की रात, इज़राइल ने ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित महत्वपूर्ण परमाणु अनुसंधान केंद्रों पर भीषण हवाई हमला कर दिया। इज़राइली रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि यह हमला 60 से अधिक लड़ाकू विमानों द्वारा अंजाम दिया गया, जिसका मुख्य लक्ष्य था – SPND (साइंटिफिक स्टडीज़ एंड न्यूक्लियर डेवेलपमेंट)।



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☢️ परमाणु कार्यक्रम को पीछे धकेलने का दावा


इज़राइल ने दावा किया कि उसने इस हमले से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कम से कम 2 से 3 वर्ष पीछे कर दिया है। इस हमले में इस्फ़हान, क़ोम, और नतांज़ जैसे उच्च स्तरीय परमाणु और मिसाइल रिसर्च केंद्रों को भी निशाना बनाया गया।



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⚔️ कमांडर मारे गए, ईरान की बड़ी क्षति


सूत्रों के अनुसार, इस हमले में Quds फोर्स के दो वरिष्ठ कमांडर – सईद इज़ादी और बेन्हाम शाह्रियारी मारे गए हैं। ये दोनों ईरान के प्रमुख रणनीतिकार माने जाते थे, और इस्राइली खुफिया एजेंसी ने इन्हें "इज़राइल-विरोधी गतिविधियों के मास्टरमाइंड" बताया है।



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📉 ईरान की जवाबी कार्रवाई और नुकसान


ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की है। तेल अवीव, हाइफ़ा और बीर्सेवा जैसे शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए। इन हमलों में:


240 से अधिक लोग घायल हुए हैं।


एक अस्पताल और एक शरणार्थी स्कूल को भारी क्षति पहुँची।


24 नागरिकों की मौत की पुष्टि इज़राइली अधिकारियों ने की है।



ईरान ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका या नाटो हस्तक्षेप करते हैं, तो युद्ध "नियंत्रण से बाहर" हो जाएगा।



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🌍 वैश्विक प्रतिक्रिया: चिंता और चेतावनी


IAEA (इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी) ने परमाणु संयंत्रों पर हमले को लेकर गहरी चिंता जताई है और रेडिएशन रिसाव की संभावना को नकारा नहीं है।


UK ने तेहरान स्थित अपना दूतावास अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।


यूरोपीय देशों की वार्ता विफल रही है। ईरान ने बातचीत से साफ इनकार कर दिया है।


संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।




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📱 ईरान में इंटरनेट बंद, लोगों तक सूचना नहीं


ईरान में 60 घंटे से अधिक समय से इंटरनेट सेवाएं बंद हैं, जिससे वहां की स्थिति की सही जानकारी सामने नहीं आ पा रही है। अनुमान है कि मरने वालों की संख्या 700 से अधिक हो सकती है।



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🧠 विश्लेषण: क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत?


मध्य पूर्व में इस संघर्ष के बाद टर्की, सीरिया और लेबनान जैसे देशों की प्रतिक्रिया बहुत अहम होगी। कुछ मुस्लिम देशों ने इस हमले को इस्लाम पर हमला करार देते हुए "इस्लामिक एकता" की मांग की है। वहीं अमेरिका इस स्थिति में फिलहाल शांत है, लेकिन अगर वह शामिल होता है, तो यह संघर्ष वैश्विक रूप ले सकता है।



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🕊️ समाधान की उम्मीद?


शांति की संभावना फिलहाल धुंधली नजर आ रही है। इज़राइल का स्पष्ट कहना है कि वह तब तक नहीं रुकेगा जब तक ईरान की "परमाणु क्षमता पूरी तरह समाप्त" नहीं हो जाती। उधर ईरान की संसद में ‘युद्ध की घोषणा’ पर भी चर्चा हो रही है।



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📌 निष्कर्ष


ईरान और इज़राइल के बीच यह युद्ध अब सिर्फ दो देशों का मामला नहीं रह गया है। यह एक वैश्विक कूटनीतिक और सैन्य संकट बनता जा रहा है, जिसमें परमाणु हथियारों का खतरा, मानवाधिकार संकट, और क्षेत्रीय अस्थि

रता के गंभीर परिणाम शामिल हैं। आने वाले कुछ दिन इस पूरे संकट की दिशा तय करेंगे।


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