भोपाल की बहू अमृता त्रिपाठी ने साउथ कोरिया मे मिसेज यूनिवर्स जॉय का ख़िताब अपने नाम कर दैश प्रदेश का नाम रोशन किया।


भोपाल की बहू अमृता त्रिपाठी ने साउथ कोरिया में देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है।
 अमृता ने मिसेज यूनिवर्स कॉन्टेस्ट में इंडिया को रिप्रजेंट किया। 33 साल की अमृता ने मिसेज यूनिवर्स जॉय का ख़िताब अपने नाम किया है। इससे पहले उन्होंने मिसेज इंडिया 2022 का क्राउन जीता था। मिसेज यूनिवर्स कॉन्टेस्ट के बाद अमृता अब भोपाल लौट चुकी हैं। इस उपलब्धि पर वो बेहद खुश है उनका कहना है कि मानो उनका सपना पूरा हो गया, और सपने को सच में जीना, इससे बड़ा कुछ नहीं है।
अमृता त्रिपाठी ने कहा कि मैंने नहीं सोचा था कि मेरा सपना पूरा होगा, वही उन्होंने अपने इस  यात्रा के बारे में बताया इस ब्यूटी पेजेंट में दुनिया के कोने-कोने से औरतें समारोह में शामिल हुई थीं। सभी के अलग कल्चर थे। मेरे लिए वो सब कुछ नया जेसा था, लेकिन मैंने कुछ अलग करने का ही सोचा था। इसलिए मैंने भारत को रिप्रेजेंट करते हुए वहां महिलाओं को मां दुर्गा के प्रतीक के रूप में दर्शाया। मैंने बताया कि मेरे देश में महिलाओं और बेटियों को देवी मानकर पूजा जाता है। उस प्रेजेंटेशन के बाद सभी ने खड़े होकर तालियां बजाईं, वो मोमेंट मेरे लिए सबसे ज्यादा यादगार था। इस खिताब को हासिल करने के लिए अमृता ने खासी मेहनत की थी, उन्होंने न सिर्फ अपने फिगर पर ध्यान दिया बल्कि अपनी नालेज को भी काफ़ी बढ़ाया।

वही अमृता ने बताया कॉन्टेस्ट के दौरान हम सभी पार्टिसिपेंट्स वॉर मेमोरियल देखने गए। वहां साउथ कोरिया की आजादी से जुड़े वीडियो, डॉक्यूमेंट्स, लेटर से लेकर क्रांतिकारियों की प्रतिमाएं हैं। मैंने वहां देखा कि साल 1950 में भारत द्वारा साउथ कोरिया में 350 डॉक्टर्स को लड़ाई में घायल सैनिकों की देखभाल के लिए भेजा गया था। वहां तिरंगा देखा, तो इमोशनल हो गई। इतना कहना चाहूंगी कि वहां के लोगों में उनके देश, परंपरा, पहनावा और भाषा से बहुत लगाव है। एक हाउस वाइफ से मिसेज यूनिवर्स तक का सफर आसान नहीं था, लेकिन आत्मविश्वास ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया। मैं अब अपने शहर की महिलाओं की मदद करना चाहती हैं। मैं उन सभी महिलाओं की मदद करना चाहती हूं जो टैलेंटेड होती हैं, लेकिन आत्मविश्वास नहीं होने के कारण पीछे रह जाती 

Comments