साहित्यकार समाज का दर्पण होता है ; डॉक्टर शाहीन मुबारक ने एक काव्य गोष्ठी में विचार व्यक्त किए

 


साहित्यकार समाज का दर्पण होता है वह समाज में हो रहे परिवर्तन का शाक्षी होता है इर उस के बुरे परिणाम के बारे में लोगों को।सचेत करता है ओर साहित्य समाज को जोड़ने का काम करता है 


उक्त विचार doctor मुबारिक शाहीन ने साहित्यिक संस्था होरीज़ोंन गुडफेथ वेलफेयर सोयायटी के तत्वाधान में दिनाक 22नवम्बर को नैना गिरी में आयोजित काव्य गोष्टि में व्यक्त किये 


सर्व पर्थम मुख्य अतिथि श्री जवाहर सिंह जी पत्रकार श्री अशोक।निर्मल तथा अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यर्पन एवम ।दीप जला।कर गोष्टि।का।शुभारंभ किया।संस्था की अध्यक्षा श्रीमती मनोरमा चोपड़ा मन्नू ने अध्यक्ष,अतिथियों तथा कवि और।शायरों का फूलमालाओं द्वारा स्वागत किया गया तथा संस्था की गतिविधियों की जानकारी पेश की अपने कहा कि कोविद की बिना पर कोई।कार्यकरम नही हो रहे थे मगर अब यह सिलसिला टूटेगा नही


गोष्टि में जिन कवि और ।शायरों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया उनमे सिराज अहमद सिराज उज्जैन लता स्वरांजलि जी भोपाल के साथ सर्वश्री शोयब अली।खान अनिता श्रीवास्तव जी प्रेम चन्द्र गुप्ता जी मंडीदीप शमीम हयात जी दिनकर पाठक जी कमलेश गुल जी अपूर्वा चतुर्वेदी जी नवजेत सिंह सुरेश पबरा आकाश जि अशोक व्यास जी प्रमिला झरबड़े, मनोरमा चोपड़ा।


मन्नू ने कविता पाठ किया 


निर्भय साहित्य संस्था की।अध्यक्षा प्रमिला झरबड़े।जीने।आभार व्यक्त किया


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