भेदभावपूर्ण वर्ताव कर समाज में पूंजीपतियों का खुला समर्थन करते हुए, सारा दोष मुस्लिम समाज पर क्यों थोप देना कहां का न्याय है

कॅरोना वायरस आया  नहीं लाया गया और यह बात मैं बेवजह नहीं कह रहा बल्कि मेरे पास सबूत है जो मुझे यह मानने के लिए मजबूर करते हैं करोना वायरस भारत आया नहीं बल्कि लाया गया है पूरी पोस्ट  पढ़िए और खुद फैसला कीजिए
 
BBC न्यूज के मुताबिक जनवरी  2020 से  मार्च 2020 तक विदेशों से लगभग 336 फ़्लाइट भारत आई।  जिसमें चीन ईरान और इटली खास करके अपने नागरिक लाने के लिए प्लेन भेजे गए थे


27/03/20 के दैनिक जागरण के समाचार पत्र में लव अग्रवाल और डॉ. रमन गंगाखडेकर के वयान के अनुसार भारत में 64,000 से अधिक लोग विदेश से भारत आए।
लिंक👇


https://www.patrika.com/miscellenous-india/health-ministry-says-64000-people-from-abroad-after-21-march-covid19-5931129/


उसमें से महज़ 8 हज़ार लोगों को ही अलग थलग रखा गया है, और बाकी कम्युनिटी सर्विसेज़ मे है।
जिनकी संख्या लगभग 56,000 के करीब हैं।


भारत में कॅरोना वायरस का सबसे पहला मरीज़ केरल में 30 जनवरी को मिला
जो चीन के वुहान शहर मे डॉ. की पढ़ायी पढ़ रहा था, भारत बापस आया था, ये थी भारत में कॅरोना वायरस से पहली मौत.....😢
 लिंक👇
https://aajtak.intoday.in/story/india-examining-all-options-to-provide-relief-to-indians-stuck-in-wuhan-death-toll-in-china-corona-virus-1-1158406.html


भारत में चीन के वुहान शहर से 23 जनवरी तक 60 छात्र भारत में बिना किसी जाँच के बापस आ गए थे।
जब इस कॅरोना वायरस के कारण चीन के वुहान शहर मे जोर पकड़ा तो भारत के करीब 700 छात्र वुहान मे डॉ. की पढ़ाई पढ़ रहे, खलबली मच गई।
ये सभी अपने परिजनों को याद कर आप बीती बताने लगे।
ध्यान रहे कि ये सभी पूंजीपतियों के बच्चे थे।


आनन फानन में केंद्र सरकार ने चीन के वुहान शहर में 
(फसें) 
700 पूंजीपतियों के बच्चों के लिए (हॉट लाइन ) जारी की गई...इनकी कुल संख्या 3 थी।


(1) 8618612083617
(2)8618610952903
(3)8618612083629
इन तीनों हॉट लाइन पर चीन के वुहान शहर से 600 के करीब फोन आए।


27 जनवरी 2020 को चीन के वुहान शहर मे (फसें) 250 भारत के छात्रों को लाने के लिए एअर इंडिया का बोईंग B -747 विमान 423 यात्रियों की क्षमता वाला विमान भेजा गया।


इसके बाद दूसरा एअर इंडिया का 366 यात्रियों की क्षमतावाला विमान फिर से बाकी छात्रों को लाने के लिए भेजा गया।


5 डॉ की टीम भी इन छात्रों की मेडिकल जांच करने भेजी गई है।
वो 5 डॉ कौन थे,उनके पास कॅरोना वायरस की जाँच करने वाली कौन सी किट थी .....????
गोपनीय .........


चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्त्री के वयान के अनुसार कोई भी भारतीय छात्र इस कॅरोना वायरस से संक्रमित नही है।


इनके वयान पर गौर करें।


इसी के बाद 30 जनवरी को केरल में पहला .चीन वुहान से आए छात्र में  कॅरोना वायरस का पहला मरीज भारत में मिला था, जिसकी मौत हो गई ।


इसके बाद दूसरा कॅरोना पीड़ित छात्र भी उन्हीं छात्रों में से निकला जो चीन के वुहान शहर से डॉ.  की पढ़ाई करके लौटे थे ।


केंद्र सरकार ने तब तक कोई लॉक डाउन नही किया, कोई रेल, बस सेवा नही रोकी..... क्यों....?


मार्च के दूसरे सप्ताह तक भारत में 133 लग्ज़री  विमानों ने लैंड  किया  जिनका किराया ₹90 लाख घंटा  था।


जिसमे  चीन इटली ईरान से बहुत से भारत मूल के लोग भारत वापस आये 14 दिनों तक  सेंटर में रखने की बजाय उनको अपने घरों में जाने दिया गया याद रहे उस समय चीन इटली और इरान में करोना वायरस अपने उफान पर था


भारत में चुपचाप बिना बताए NRI और उद्योगपतियों के बच्चों  द्वारा लगातार कॅरोना वायरस  भारत में बड़ी संख्या में प्रवेश करता रहा


 जब सारी दुनिया करोना वायरस को लेकर एहतियात बरत रही थी
 
24 फ़रवरी 2020 को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  भारत के दो दिवसीय दौरे पर आए, पहला कार्यक्रम गुजरात के अहमदाबाद मे एक स्टेडियम मे सम्पन्न हुआ, जहाँ भारत की नामचीन हस्तियों के साथ लाखों की संख्या में लोग मौजूद थे।
मोदी एंड कंपनी ने तब कॅरोना वायरस की रोकथाम के लिए क्या किया........….??????


इस कार्यक्रम को सम्पन्न करने में 100 करोड़ रुपए खर्च हुए, ये पैसा भारत सरकार की कौन सी समिति ने खर्च किया पता नहीं...???


डोनाल्ड ट्रंप आगरा के बाद दिल्ली आए।
हजारों की संख्या में सुरक्षा कर्मी और पूरा शासन प्रशासन,पूरा मंत्रिमंडल  बिना किसी मेडिकल सुरक्षा के आते जाते रहे।


10 मार्च को होली का त्यौहार को दैनिक जागरण में एम्स के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने एडवाइज़री जारी की थी,
इसी समाचार पत्र  मे ये भी लिखा गया था कि कॅरोना वायरस जम्मू से केरल तक पसरा 


इसी दैनिक जागरण का अपना मत था, कि होली जनमानस के लिए सालभर का त्यौहार ,कॅरोना वायरस से बिल्कुल भी न डरे ..


13 मार्च को केंद्र सरकार ने खुद कहा कि कॅरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है।


13 मार्च मे भारत में कॅरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की संख्या 60 तक पहुँच चुकी थी।
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एक लिस्ट भारत में निम्न धार्मिक कार्यक्रमों और अन्य कार्यक्रमों पर नज़र डालते हैं कि कब कब क्या हुआ.........
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13 मार्च 2020 को कनिका कपूर ने कानपुर नगर में अपने मामा के घर में कार्यक्रम किया था, 13,14,15 मार्च तक कई पार्टी की लगभग 400 लोगों के संपर्क में आई थी।


14 मार्च 2020 को निजामुद्दीन मे मरकज़ मे अधिवेशन शुरू हुआ।
15 मार्च 2020 को निजामुद्दीन मरकज़ का अधिवेशन खत्म हो गया।


16 मार्च2020 को हिन्दू महासभा की तरफ से गौ मूत्र पार्टी


16 मार्च 2020 को दिल्ली सरकार ने सभी धार्मिक स्थल बंद करा दिये।


17 मार्च 2020 को तिरुपति मे 40,000 लोग जमा थे।


18 मार्च 2020 को दूसरे दिन भी तिरुपति मे 
लगभग 40,000 लोग थे,


साईं मंदिर में कुछ ऐसी ही भीड़ थी।


वैष्णो देवी मे सुबह 5 बजे से दोपहर 2 बजे तक 8500 लोगों ने पंजीकरण कराया था, 
केंद्र सरकार की सूचना के बाद भी इनको दर्शन के लिए जाने दिया गया।


भारत के लगभग सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ भाड़ रही थी।


19 मार्च 2020 को तिरुपति सहित वैष्णों देवी के मंदिर बंद किए गए।
 21 मार्च तक  करोना वायरस को लेकर लोगों को जागरूक  करने की कोशिश नहीं की गई 
मेले और बाजारों का आयोजन होता रहा पिक्चर हाल और मॉल सब जनता के लिए खुले रहे


22 मार्च 2020 को जनता कर्फ़्यू लगाया गया।


इसी दिन मोदी ने भारत की जनता से अपील की कि शाम 5 बजे अपने घरों से थाली और ताली बजाए।
उसके बाद लोग हजारों की संख्या में सैकड़ो पर उतरे
DM ,SP तक इस मूर्खतापूर्ण कार्य में हिस्सेदार रहे।


DM, SP को निलंबित भी किया गया।
पर इनके समर्थक नेताओं और इस अति उत्साही भीड़ का पुलिस ने खुला समर्थन किया।


23 मार्च 2020 को मध्यप्रदेश मे शिवराजसिंह ने शपथ ग्रहण समारोह आयोजन किया, पूरे मंत्रिमंडल के साथ.सरकार बनाते हैं।


23 मार्च 2020 और 24 मार्च के बीच महज़ 4 घंटे के अंतराल पर 24 मार्च 2020 की मध्यरात्रि से लॉक डाउन लागू किया गया।


25 मार्च को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ अपने सैकड़ो समर्थकों को साथ में लेकर अयोध्या मे राम मंदिर गए, दर्शन पूजा कर बापस आए।
 
24मार्च 2020 की मध्यरात्रि से लॉक डाउन जब लागू किया जाता है जब बात हाथ से निकल जाती हैं।
एक तरह की इमरजेंसी लागू मान सकते हैं।
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आपको लगता है कि हिन्दू-मुस्लिम रूप क्यों दिया गया है।
उससे पहले आपको दो धर्मो की बात बताता हूँ।
यथास्थिति के लगभग एक जैसी थी, लेकिन भेदभावपूर्ण रवैया के कारण हिन्दू-मुस्लिम कैसे बनाया गया जानिए...........
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आपको पता होगा कि वैष्णों देवी मे 400 श्रद्धालुओं के (फसें) होने की ख़बर आई थी।
क्या है पूरा मामला जानते हैं.....
केंद्र सरकार की तरफ से 18 मार्च 2020 को वैष्णों देवी प्रबंधन को सूचित किया जाता है।
कि कॅरोना वायरस के चलते वैष्णों देवी मंदिर को बंद कर दिया जाए।


लेकिन इस सूचना के मिलने के पहले ही 18 मार्च 20 की सुबह 5  बजे से लेकर दोपहर 2 तक 8500 लोगों का दर्शन के लिए पंजीकरण हो चुका था, मना करने के वजाय वैष्णों देवी मंदिर के प्रबंधको के वयान के अनुसार पंजीकरण के बाद दर्शन करने से रोका नही जा सकता 


लगभग सारे लोग बापस चले गए, पर बिहार से आया 400 लोगों का जत्था (फ़स) गया।
क्योंकि वैष्णों देवी के दर्शन करने और बापस आने मे दो से तीन दिन लग जाते हैं।


18 मार्च 20 को गए होगें, बापस आते आते 20 या 21 मार्च हो गई होगी,22 मार्च से जनता कर्फ्यू लागू हो गया था।


उसके बाद लगातार 23 मार्च की शाम तक लागू रहा, महज़ 4 घंटो के अंतराल पर ही 21 दिनों के लिए लॉक डाउन लागू कर दिया गया, पता नहीं इन 4 घन्टो मे उनको कोई साधन मिला होगा या नही।
सभी के सभी 400 बिहार के लोग (फ़स) गए, जब तक पैसा रहा होगा, तब तक काम चला लिए होगें, उसके बाद जहाँ जहाँ रुके थे, उसके मालिको ने जगह खाली करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया।


इनकी इस पीड़ा को सुनकर स्थानीय न्याय मित्र मोनिका कोहली और उनके साथी वकीलों ने जम्मू हाईकोर्ट में याचिका दायर की
जम्मू कश्मीर के हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार मुख्य न्याय धीश गीता मित्तल और दूसरी जज सिंधु शर्मा ने तत्काल वीडियो कॉन्फेन्सिंग से सुनवाई करते हुए, मोनिका कोहली और अन्य वकीलों की दलीलें सुनी
ये सारी कार्यवाही मुख्य न्यायधीश
अपने घर में रहकर की
सुनवाई करते हुए दोनों जजो ने 11 पेज का निर्णय सुनाया।


जम्मूकश्मीर हाईकोर्ट ने 30/03/2020 सोमवार को संघ शासित प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इन सभी 400 बिहार के तीर्थयात्रियों को होटलों से नही निकाले जाने की व्यवस्था के साथ उनके भोजन पानी व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करें।


लिंक👇
https://khabar.ndtv.com/news/faith/hc-directs-jk-authorities-to-ensure-proper-shelter-to-400-pilgrims-stranded-at-vaishno-devi-shrine-2203341


ये तो हुआ  हिन्दुओं का पक्ष
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अब दूसरा पक्ष यानि मुस्लिम की बात भी कर लेते हैं।
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 बहुत से लोगों को जानकारी नहीं होगी।
इस समय पूरे देश में निजामुद्दीन मरकज़ बड़ी जोर शोर से चर्चा में है।
उसका सबसे बड़ा कारण गोदी मीडिया है।


(मरकज़ ) शब्द से बहुत से लोग परिचित नही होगें।
मरकज़ शब्द का मतलब होता है कि वो जगह जहाँ से सभी मस्जिदों के लिए एडवाइज़री जारी होती हैं।
या दूसरे शब्दो मे कहा जाये तो मुख्यालय जो हर शहर में होती हैं।


देश ही में नही विदेशों में भी होती हैं। सबसे बड़ी मस्जिद 
मरकज़ के तबलीगी जमात या (जमाती)
जमाती वो लोग होते हैं जो इस्लाम धर्म की जानकारी देने का काम करते हैं, नमाज़ को कैसे पढ़ा जाए, क्या कमियां होती हैं वो बताने का काम करते हैं।
या सरल शब्दो मे कहा जाए तो धर्म की सही जानकारी देने वाले लोग।


मरकज़ अधिवेशन तो 13 मार्च 20 से शुरू हुआ और 15 मार्च को खत्म हो गया था।
तो फिर ये इतने सारे लोग कहाँ से रुक गए.........????
रुकिए मेरी तरह आप भी भ्रम में पड़ गए...........
अधिवेशन होना एक अलग बात है और जमाती होना एक अलग बात है।


ये 100 साल पुरानी परंपरा है, भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में ये परम्परा है।
जमाती 30 दिनों से लेकर 4 माह तक रुकते हैं, उनको कहाँ जाकर धर्म की जानकारी देनी है ये बात भी मरकज मस्ज़िद वाले ही बताते हैं।


इसी लिए ये लगभग 1400 जमाती लोग रुकें रहे।
ऐसा नहीं है कि इनके एक जगह पर रुके होने की सूचना थाने या SDM को नही दी गई।


विदेश से अगर कोई यात्री भारत आता है तो उसका लेखा-जोखा सरकार के पास रहता है कि वह कहां पर है और कितने दिन से है


16 मार्च को दिल्ली सरकार 50 से ज्यादा व्यक्ति जमा होने पर रोक लगा देती हैं।
# उसके बाद 21 मार्च को धारा 144 लगा दी जाती हैं।
# 22 मार्च को जनता कर्फ़्यू लागू होता है।
# 24 मार्च को लॉक डाउन होता है।
# 25 मार्च को मरकज़ के प्रबंधक मौलाना शाद के बेटे मौलाना यूसुफ पुलिस को और SDM को लैटर लिखकर सूचित कर, इन सभी लोगों को घर भेजने का इंतजाम करने की गुज़ारिश करते हैं।


# इसी मरकज़ से  एक व्यक्ति की तमिलनाडु के  मौत हो जाती हैं, मौत का कारण अभी तक अज्ञात है।


# 29 मार्च को मरकज़ लेटर दिल्ली के कमिश्नर को भी लिखते हैं।


# मरकज़ मे शामिल एक व्यक्ति की मौत हो जाती हैं।


लेकिन मरकज़ से मात्र सौ मीटर की दूरी पर पुलिस थाना है, पुलिस सोती रहती हैं।


# 25 मार्च को दिये गए लैटर पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई...????


# 25 मार्च को ही तहसीलदार ने बिल्डिंग का दौरा किया था और 26 मार्च को SDM भी मरकज़ पहुँचे थे,28 मार्च को WHO की टीम भी मरकज़ मे गई थी।


27 मार्च को 6 और 28 मार्च को 33 लोगों की जाँच के लिए अस्पताल भेजे गए थे।
मरकज़ मे (छिपे) या फिर (फंसे) ☺️हुए विदेशियों ने अपने दूतावास से संपर्क किया या नही ये बात अभी तक स्पष्ट नहीं हुई हैं।


बड़ी सोची समझी साजिश के तहत इसको मज़हबी रंग दिया गया।


तेलंगाना से एक खबर आती है निजामुद्दीन मरकज से लौटे 6 लोगों की मौत करोना वायरस से हो गई है उसके बाद ज़ी न्यूज़  रिपब्लिक TV9 भारतवर्ष समेत हिंदी भाषा के सारे दंगाई चैनल में मरकज को देशद्रोहियों का अड्डा बताने की होड़ लग गई


virus मीडिया द्वारा आधी अधूरी जानकारी किसी कहानी की तरह पेश कर फैला दी गई।


थाने में सूचना देने के बाद भी  निज़ामुद्दीन में  विदेशी छिपे होते हैं ? लेकिन वैष्णो देवी में विदेशी श्रद्धालु फँसे होते है 


जिसका नतीजा ये हुआ कि जो मुस्लिम दिल्ली हिंसा, शाहीन बाग में बैठ कर नही टूटा उसे इस झूठी कहानी से तोड़ने का काम किया गया है।


कॅरोना वायरस के कारण लॉक डाउन मे सबसे ज्यादा मुसलमान गरीबों की मदद करते हुए देखा गया है।


यही बात हिंदू मुस्लिम की राजनीति करने वाले कुछ चंद लोगों का हाजमा खराब करने के लिए काफ़ी है।
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दोनों पक्ष की बात को रखने का मकसद सिर्फ इतना है कि एक को तो न्याय पालिका से बिना कुछ कहें, सब कुछ मिल गया।
पर दूसरे पक्ष की सूचना देने के बाद भी इस कॅरोना वायरस को फैलाने का दोषी बिना सच जाने मान लिया गया।
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कहीं मरकज का मामला उठाने के पीछे मोदी मीडिया का
  हाल में हुई घटनाओं से ध्यान भटकाना तो नहीं है
 
लाक डाउन के बाद लोगों के सामने भूखे मरने की स्थिति पैदा होना खाने पीने के सामान का महंगा हो जाना


बड़ी  तादात   मैं लोगों का अपने घरों के लिए पैदल सफर करना और सरकार  की तरफ से लोगों को घर पहुंचाने के लिए  कोई इंतजाम ना होना और 29 लोगों का घर जाते हुए रास्ते में मर जाना


 पीएम रिलीफ फंड होते हुए भी मोदी जी का नया पीएम क्रैश फंड बनाना जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है और  जिसके मालिक केवल 3 व्यक्ति  हैं 
अमित शाह ,राजनाथ सिंह निर्मला सीतारमण ये तीनो इस ट्रस्ट के व्यक्तिगत ट्रस्टी है ?
इस बात का सोशल मीडिया में जोर सोर से मुद्दा बनाया जाना


 भारत में करोना वायरस मेडिकल उपकरणों की कमी होते हुए दूसरे देशों को मेडिकल उपकरण वेंटीलेटर बेचना भारत के पास 1 लाख  वेंटिलेटर ventilator नहीं है जबकि करोना वायरस महामारी को देखते हुए भारत को 6 लाख  वेंटीलेटर की जरूरत है👇👇


https://www.ndtv.com/india-news/india-sends-covid-19-protective-gear-to-serbia-amid-huge-shortage-at-home-2203900?pfrom=home-bigstory&fbclid=IwAR2iVX9ujQSq6uWUvrKB1yfBY8jCCtZKSvVNw5xzRCDlBIXn_9TZ1_Ndd8o
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गोदी मीडिया ने क्या किया है, एक बानगी आपको बता देता हूँ।
सुभाष चंद्रा बीजेपी के सांसद इनका एक न्यूज चैनल है।
जिसका नाम है Zee News 
इनकी करतूत देखिए
अपने न्यूज़ चैनल पर समाचार मे बता रहे हैं कि इस मरकज़ से 
1684 लोग निकल कर कहाँ कहाँ गए पूरे भारत में......
जाहिर सी बात है कि ये लिस्ट मरकज़ से ही मिली होगी।
इनका मतलब कि मरकज़ वालों ने अपनी लिखा पढ़ी कर रखी थी। मरकज वाले हर जमाती के आने-जाने का हिसाब किताब रखते हैं


लिस्ट कुछ इस प्रकार है......
हिमांचल- 86
पंजाब- 09 
राजस्थान - 156 
महाराष्ट्र - 109 
कर्नाटक - 45 
केरल - 15 
हरियाणा- 22 
उत्तराखंड- 34 
मेघालय- 05 
राँची - 46 
पश्चिम बंगाल - 156 
असम - 216 
बिहार - 86 
मध्यप्रदेश - 107 
ओडिशा - 15 
तमिलनाडु - 501 
हैदराबाद - 55 
अंडमान निकोबार - 21 


कुल 1684 लोग 


इस न्यूज़ चैनल की बात मान लेता हूँ, सही है।
तो क्या ये न्यूज़ चैनल वाला चीन के वुहान शहर जहाँ से इस कॅरोना वायरस की शुरुआत हुई थी।


वहाँ से आये 600 छात्रों, कनिका कपूर, केरल,राजस्थान , व अन्य धार्मिक स्थलों से लाखों लोग अपने अपने निवास स्थानों को गए हैं, कौन कहाँ और कितनी संख्या में गया है, बता सकते हैं....???


अगर हाँ तो इसी तरह उनकी भी लिस्ट जारी होनी चाहिए .....अगर नही ........?????
तो ये भेदभावपूर्ण वर्ताव कर समाज में पूंजीपतियों का खुला समर्थन करते हुए, सारा दोष मुस्लिम समाज पर क्यों थोप देना कहां का न्याय है.............?????


Arun Kumar ✍


निर्भीक पत्रकारिता के लिए अरुण कुमार जी को बहुत-बहुत धन्यवाद।


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